ऑनलाइन क्लासेज में (Smart Phone) का हमारे बच्चो पर प्रभाव अच्छा है या नहीं ? औरऑनलाइन क्लास का सच…….
Online Classes से सब परचित हो चुके हैं। पर क्या आपको इसके फायदे और नुक्सान के बारे में पता है। आपके बच्चे पर इसका क्या प्रभाव पड रहा है आज विस्तार से हम आपको ज्ञान देंगे बताएंगे । आपको क्या सावधानिया बरतनी है जिससे बचे पर इसका कोई बुरा प्रभाव ना पड़े। इस कोरोना महामारी ने लोगो का घर से निकलना तो मुश्किल हुआ ही है और बच्चो को अब Online Classes अटेंड करनी पड रही हैं।
कुछ चीजे हमारे सामने इस तरह आती हैं की उनको समझ पाना और उसमे ढलना आसान नहीं होता। जादातर लोग बच्चो को Smart Phone से दूर रहने को कहते थे। अगर आप Smart Phone के नुक्सान के बारे में जानते हैं तो जरूर बच्चो को इससे दूर रहने की नसीहत देंगे। और ये सच है की Smart Phone को लगातार घंटो इस्तेमाल करने पर हमारे शरीर पर खास तौर पे आँखों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। अगर आप इन कुछ ख़ास बातो का ध्यान रखेंग तो आप अपने बच्चे को इससे होने वाले नुक्सान से बचा पाने में सफल रहेंगे।
ONLINE CLASSES के बारे में अफवाह
9th क्लास तक के सभी बच्चे ख़ास तौर पर Online Classes करने के लिए घंटो Smart Phone का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये जरूरी होने के साथ साथ मज़बूरी भी बन गयी है। Online Classes के लाभ – कोरोना महामारी की वजह से तीन महीने तक तो स्कूल पूरी तरह बंद रहे लेकिन अब भी स्कूलों को खोला नहीं जा रहा। इस वजह से हर माता पिता के मन में यही प्रश्न था की हमारा बच्चा अपनी पढाई पूरी कैसे करेगा। इसका एक रास्ता हमारी सरकार और स्कूलो के द्वारा निकला गया जिसमे बच्चे ऑनलाइन पढ़ सकेंगे। मतलब एक Smart Phone की सहायता से बच्चे अपनी पढाई पूरी करेंगे। इसके लिए कुछ ऐसे अप्प की जरूरत थी जो स्टूडेंट और टीचर के बीच एक संपर्क बना सके। तो कुछ अप्प जैसे ZOOM APP,WHATS APP, GOOGLE MEET और अन्य कई अप्प की सहायता से स्टूडेंट अपने टीचरो से पढने लगे। इस तरह इस महामारी के बीच बच्चो की पढ़ाई शुरू हुयी इससे फायदा ये है की बच्चा ना तो स्कूल जायेगा और ना किसी के संपर्क में आये पढाई कर सकेगा। ये बीमारी से लड़ने का अच्छा साधन बनके सामने आया.बचो की पढाई की रूचि में में भी अंतर आया उनको ये एक बेहतर तरीका लगा। अब स्टूडेंट घर में आराम से पढ़ सकता है बस एक Smart Phone और नेटपैक और पढ़ाई सुरु। इंटरनेट का विस्तार ऑनलाइन शिक्षा के छेत्र में विस्तार लाया है।
ONLINE CLASSES से फायदे कम और नुकसान अनगिनत है।आईये जाने इसके नुकसान के बारे में
Online Classes के जितने लाभ हैं उससे कंही जादा नुकसान है। जिसके दूरगामी परिणाम हमें देखने को मिलेंगे। पहली बात ये की Smart Phone बनाने वाले ने भी नहीं सोचा होगा की Smart Phone से बच्चे अपनी पढाई करेंगे।एक अजीब सी परिस्थति है। हमारे देश का गरीब आदमी इस ऑनलाइन शिक्षा से और गरीब महसूस कर रहा है। एक तो तीन महीने कमाई नहीं हुयी। और उसके तीनो बच्चे स्मार्ट फ़ोन की मांग कर रहे हैं। क्या स्कूलों और सरकारों ने सोचा की एक गरीब आदमी जो अपना पेट काट कर अपने बच्चो को पढ़ा रहा है वो स्मार्ट फ़ोन कंहाँ से लाएगा।Smart Phone तो दूर की बात है जब स्टूडेंट्स स्कूल नहीं जा रहे उसके बाद भी सारी फीस वसूली जा रही है। ये भी सरकार को नहीं दिखता ये बुनियादी चीजे थी जो हमारी सरकार को सोचनी चाहिए थी।और कोई हल निकलना चाइये था। कोरोना ख़तम हो नहीं रहा बचे पढ़ नहीं पा रहे क्या भविष्य होगा इनका। पर इलेक्शन नहीं रोके जायेंगे।
ONLINE CLASSES की वजह से बनी विसम परिस्थिति
जो मां बाप पेट काट कर Smart Phone दिला भी रहे हैं। तो उसको चलाने के लिए भी एक टीचर की जरुरत पड़ रही है। और जादातर जगहों पर तो नेटवर्क ही नहीं आ रहा। स्मार्ट फ़ोन स्मार्ट जरूर है पर इतना स्मार्ट भी नहीं जितना हमारी सरकार और स्कूल सोचते हैं। शहरो में जो बच्चे अपने पिताजी से बड़ा फ़ोन रखते थे। वो अपनी आंखे खराब कर रहे हैं। पहले जो बच्चे अपने माँ बाप से छिप कर फ़ोन चलाते थे वो अब उन्ही को बेफकूफ भी बना रहे हैं। ये बात सारे बच्चो के लिए नहीं कह रहा जिसको पढ़ना है उसको कोई ताकत पढ़ने से नहीं रोक सकती। जिन बच्चो के पास स्मार्ट फ़ोन की सुविधा है तो जरा सा ध्यान उनके माता पिता दें तो उनकी पढाई में कोई रोक टोक नहीं आएगी। एक कहावत है “डूबते को तिनके का सहारा ही काफ़ी है”और मैं तो पढ़ाई के लिए स्मार्ट फ़ोन को तिनका ही समझता हूँ अब कौन स्टूडेंट इसको सहारे के तौर पे लेता हैं आने वाला समय बताएगा।
ONLINE CLASSES से खाना पूर्ति और इसके दुष्प्रभाव
कुछ जगहों से खबरे आती हैं की Online Classes करते समय कुछ स्टूडेंट महिला टीचर्स से भद्दी मज़ाक करते हैं। और ये भी पता नहीं चलता की ये हरकत कौन कर रहा है। इससे अन्य स्टूडेंट्स को गलत सन्देश जाता है। और पढाई भी नहीं हो पाती। इन चीजों को दूर करने की बहुत जादा जरुरत है। बच्चे अपने टीचर्स से कोई डाउट भी नहीं पूछ पाते जो टीचर ने बताया बस वही आखरी होता है। अगर कोई बच्चा अपने डाउट नहीं पूछ पायेगा तो इसका सीधा असर उसकी पढ़ाई पर पड़ता है। Online Classes शुरू होने से जो लोग छोटा रिचार्ज करा कर फ़ोन पे पूरा महीना काट देते थे। अब उनका ये खर्चा नेट पैक की वजह से बहुत जादा बढ़ गया है। और हमारी सरकार इस तरफ ध्यान नहीं है । सरकार को कम से कम स्टूडेंट्स के लिए एक विषेस सुविद्या दी जानी चाहये जिसमे स्टूडेंट्स को सस्ते दामों पर नेट पैक उपलब्ध कराया जाये। और ऑनलाइन क्लास के लिए सभी स्कूलों में एक जैसी गाइड लाइन बनाई जाये। सारे स्कूल सॉरी फीस लेने के बाद भी अपनी मन मर्जी से बच्चो की Online Classes करा रहे हैं। इस पर किसी की निगरानी नहीं है।अब तो ऑनलाइन एग्जाम भी स्कूल करा रहे हैं। ये एग्जाम ये साबित नहीं कर पाएंगे की कौन बच्चा कितना पढ़ रहा है। इसको कहते हैं खाना पूर्ति जिसमे सरकार ने स्कूलो को खुली छूट दे रखी है।
निष्कर्ष
इन सभी चीजों के बाद भी ये मजबूरी है की बच्चे को Online Classes पढ़ना है। कब महामारी का अंत होगा और कब Online Classes बंद होंगे। अगर ऑनलाइन क्लास इसी तरह लम्बे समय तक चली तो इसका बुरा प्रभाव पद सकता है बच्चो को Smart Phone की जगह टेबलेट या कंप्यूटर पर ऑनलाइन क्लास लेनी चाहिए। जिससे बच्चो पर प्स्मार्ट फ़ोन का दुष्प्रभाव कम पड़ेगा। मज़बूरी है और Online Classes जरुरी है। तो सभी बच्चो को इसका विशेष ख्याल रहे की वो खुद ऑनलाइन क्लास का ठीक से इस्तेमाल करें।
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Very nice
Right Concept