नयी शिक्षा नीति 2020 (Nayi Shiksha Niti 2020)
को लेकर कुछ लोग बहुत परेशान हो रहे है इसका मुख्य कारण नयी शिक्षा नीति 2020 (Nayi Shiksha Niti 2020) है को ठीक से ना समझ पाना है तो आज हम आपको बताते है की नयी शिक्षा निति 2020 के बारे में बताएँगे।किसी भी छेत्र में समय के साथ बदलना जरूरी होता है इसी प्रकार हमारी शिक्षा निति बहुत पुरानी हो चुकी है इसको बदलना जरूरी है और इसको बदल भी दिया गया है बस अब ये समय के साथ राज्यों में नयी शिक्षा निति चालू होना सुरु हो जाएगी। पूर्व प्रधानमन्त्री इंदिरा गाँधी ने 1968 में शिछा निति में बदलाव किये थे उसके बाद राजीव गाँधी की सरकार ने 1986 में शिक्षा निति में बदलाव हुए और अब प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में Nayi shiksha niti मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने नयी शिक्षा का ड्राफ्ट पेश किया।
Nayi Shiksha Niti
शिक्षा नीति में बदलाव इससे पहले भी हुए है 1986 में मुख्य बदलाव सरकार ने किये इसमें 10 +2 +3 की संरचना को सभी राज्यों में अपनाया गया और लगभग सरे देश में एक ही शिक्षा व्यवस्था लागु की गयी उस समय राजीव गाँधी प्रधान मंत्री थे.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है. नयी शिक्षा निति (Nayi Shiksha Niti 2020) कुछ मत्वपूर्ण बदलाव किये गए हैं जिसमे भाषा का प्रयोग प्रमुख है नयी शिक्षा निति में 5th तक मातृभाषा (लोकल भाषा ) में पढ़ना है और राज्य सरकारे चाहे तो इसको कच्चा 8th तक इसको बढ़ा सकती हैं इस विषय पर कुछ लोग इसे आरएसएस से जोड़ कर भी देख रहे हैं उनका कहना है अगर हर राज्य का बच्चा अपनी राज्य भाषा में पढाई करेगा तब उसको आगे बड़ी कचाओ में परेशानी आएगी अधिकांश बचे आगे की पढाई के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं तब ये परेशानी आएगी।
बोर्ड की परीक्छा में बदलाव :-अब तक अन्य एग्जाम के साथ साथ बोर्ड एग्जाम में मार्क्स दिए जाते थे पर अब अंको की जगह ग्रेड दिए जायेंगे जिससे छात्रों का अंको का डर समाप्त होगा अब छात्र के अंक रटने के लिए नहीं दिए जायेंगे बल्कि उनकी सारी मूवमेंट को ध्यान में रख कर दी जाएँगी १० तह में दो बार एग्जाम होंगे और ग्रेड दिए जायेंगे।
स्कूली शिक्षा (5 +3 +3 + 4) :-
10 +2 +3 को बदल कर 5 +3 +3 + 4 गया है
अंक-5 का मतलब जब बच्चा किसी स्कूल में प्रवेश लेगा तो सुरु के 3 वर्ष प्री-प्राइमरीस्कूल और 2 वर्ष फाउंडेशन स्टेज अर्थातकक्षा 1 व कक्षा 2 का पाठ्यक्रम पढ़ेगा.
अंक-3 का मतलब कक्षा 3 , कक्षा 4 व कक्षा 5 का पाठ्यक्रम पढ़ेगा.
अंक-3 इसी प्रकार अगले 3 अंक का मतलब कक्षा 5 , कक्षा 6 व कक्षा 8 का पाठ्यक्रम विद्यार्थी पढ़ेगा.
अंक-4 इसी प्रकार अगले 4 का मतलब कक्षा 9 ,कक्षा 10 ,कक्षा 11 व कक्षा 12 से है.
- आँगनबाड़ी स्कूल को प्राथमिक स्कूलों से जोड़ा जाएगा.
- प्ले ग्रुप्स को भी स्कूली शिक्षा से जोड़ा जायेगा.
- ट्रांसजेंडर बच्चो का डाटा तैयार कर उनकी शिक्षा की उचित व्यवस्ता होगी.
- परीछा के परिणाम अंको की जगह ग्रेड में दिए जायेंगे.
- रटने से ज्यादा प्रोयगात्मक शिक्षा को बढ़ावा दिया जायेगा.
- गंभीर रूप से विकलांग बच्चो को घर पर पढ़ने की सुविधा दी जाएगी.
- परीक्षा वर्ष में दो बार होगी एक मुख्य परीक्षा और एक सुधार के लिए होगी.
- अब ग्रेजुएशन (अंडर ग्रेजुएट) में छात्र 4 साल का कोर्स पढ़ेगें, जिसमें बीच में इसको छोड़ भी सकते है.
- पहले साल में कोर्स छोड़ने पर सर्टिफ़िकेट मिलेगा.
- दूसरे साल के बाद एडवांस सर्टिफ़िकेट मिलेगा.
- तीसरे साल के बाद डिग्री मिलेगी.
- और चार साल बाद की डिग्री होगी शोध के साथ दी जाएगी.
- जो विद्यार्थी तीन साल ग्रेजुएशन करेंगे उनके लिए, मास्टर कोर्स दो साल का होगा .
- जो विद्यार्थी चार साल के डिग्री कोर्स को शोध के साथ करेंगे ये छात्र एक साल का मास्टर्स अलग से कर सकते हैं.
- एक और विकल्प दिया गया है जिसमे 5 साल का इंटिग्रेटेड प्रोग्राम, जिसमें ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन दोनों एक साथ ही हो जाए.
- अब पीएचडी करने वालो के लिए डिग्री शोध के साथ करना अनिवार्य होगा.
- एमफिल को नई शिक्षा नीति में बंद करने का प्रावधान है.
- उच्च शिक्षा में स्कॉलरशिप के लिए नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के दायरे को और अधिक बड़ा बनाने की बात है. प्राइवेट संस्थाएँ, जो उच्च शिक्षा देंगी उनको 25 फ़ीसदी से लेकर 100 फ़ीसदी तक स्कॉलरशिप अपने 50 फ़ीसदी छात्रों को देना होगा.
- मारे देश को शिक्षा निति में बदलाव की जरूरत थी और शिक्षा निति में (Shiksha Niti) बदलाव हो भी चुका है इसके परिणाम आना बाकि हैं जल्द ही इसके परिणाम आ जायेंगे कुल मिलकर नयी शिक्षा निति छात्रों को आगे बढ़ने में बहुत मदद करेग।
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