रहस्यमयी बुखार Scrub Typhus ने उत्तर प्रदेश दी दस्तक
उत्तेर प्रदेश के साथ देश के अन्य कई राज्यों में रहस्यमयी बुखार ने दस्तक दी है। इसको स्क्रब टाइफस नाम दिया गया है इस खतरनाक बुखार स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) से भारी संख्या में लोगों ने दम तोड़ दिया है।
साथ ही बड़ी संख्या में लोग बीमार हैं परेशानी तब बढ़ी जब इसको सामान्य बुखार या डेंगू समझा गया। इलाज में देरी होने पर मरीज के इंटरनल ऑर्गन्स जैसे लिवर, किडनी फेल हो जाते हैं। अंदरूनी अंगो में रक्त स्राव होने लगता है।
देश में स्क्रब टाइफस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। स्क्रब टाइफस के मामले अन्य राज्यों से भी आ रहे हैं, जिनमें मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश प्रमुख हैं।
इस बीमारी से स्वास्थ्य विभाग अनभिज्ञ नजर आ रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि स्क्रब टाइफस क्या है ये कैसे होता है? इस बिमारी के प्रति ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।
Scrub Typhus बुखार (स्क्रब टाइफस) क्या है?
- रहस्यमयी बुखार स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) एक परजीवी पिस्सू जिन्हे चिगर भी कहा जाता है के काटने से होता है। स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) एक जीवाणु “ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी” (Orientia Tsutsugamushi) के संपर्क में आने से होता है।
- रहस्यमयी बुखार स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) का मुख्या कारण जीवाणु (Orientia Tsutsugamushi) होता है। ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी एक जापानी शब्द है जिसका अर्थ होता है छोटा खतरनाक कीट।
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स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) टायफस जीवाणु (Orientia Tsutsugamushi) से इन्फेक्टेड पिस्सू (चिगर) काटने से फैलता है।
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चिगर बहुत छोटे कीड़े होते हैं जो घास, झाड़ियों, चूहों, खरगोश हो और गिलहरियों जैसे जानवरों के शरीर पर होते हैं।
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पिसु या चिगर शरीर के जिस हिस्से को काटते हैं वंहा काले रंग की पपड़ी जैसा घाव भी बन सकता है। साथ ही शरीर पर लाल धब्बे पड़ सकते हैं।
स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) बुखार के लक्षण
- स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) बुखार के लक्षण डेंगू ,मलेरिया, चिकिनगुनिया जैसे होते हैं।
- डेंगू की तर इससे संक्रमित मरीज के खून में प्लेटलेट्स (WBC) Count की संख्या तेजी से गिरती है जो जानलेवा है।
- इस बुखार में अलग अलग मरीजों में अलग अलग लक्षण भी देखने को मिलते हैं।
- इसके कुछ लक्षण ये 104 से 105 डिग्री तक तेज बुखार, सिर दर्द, सूखी खांसी, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ो में तेज दर्द ,बेहोशी आना, सांस लेने में परेशानी, लिवर में खराबी होते हैं।
- स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) के मरीज का दिमाग भी इससे प्रभावित होते हुए भी देखा गया है जिसमे मरीज को मतिभ्रम की स्तिथि बन सकती हैं।
कैसे होता है स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) बुखार
स्क्रब टाइफस होने का रिस्क सबसे ज्यादा उन लोगों को है जो झाड़ियों के संपर्क में होते हैं। जिनमे किसान जो खेतों में काम करते हैं इसके अलावा कैम्पिंग करने वाले, जंगल में रहने वाले या वनकर्मी, फौजी और खनिक भी होते।
स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) बुखार से बचाव
ऐसे में एक्स्पर्ट लोग कुछ सलाह देते हैं जिसे अपनाकर आप इस बिमारी से बच सकते हैं।
- झाड़ियों और खेतों में जाने से बचें, घास या जमीन पर ना लेटें।
- गीली मिट्टी और सीलन वाली जगहों पर जाने से बचें।
- घर में चूहे ना होने दें, पेट को साफ सुथरा रखें।
- ऐसी जगहों पर जाने से बचें जहाँ स्क्रब टाइफस के मामले आ रहे हूँ।
- दुनिया में हर साल स्क्रब टाइफस के करीब 10,00,000 मामले सामने आ चूके हैं।
जिसमें सबसे ज्यादा मामले दक्षिण पूर्वी एशिया के देशों में देखने को मिलते हैं। बावजूद इसके अभी तक इस बिमारी का टीका नहीं बन पाया। ऐसे में दवाएंयो से इसका इलाज प्रभावी होता है।
स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) का इतिहास
सर्व प्रथम द्वितीय विस्व युद्ध के समय स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) एक महामारी की तरह फैला था। जिससे एशिया के कई देश प्रभावित हुए जिसमे जपान, इंडोनेसिया, ताइवान प्रमुख थे।
सबसे पहले इसका मरीज जापान में मिला था और जापान से आयात (खरीदे जाने वाले सामान) के साथ यह भारत में आया।
द्वितीय विस्व युद्ध के समय इसने लाखों जान ली थी। उस समय रहस्यमयी बुखार स्क्रब टाइफस के वाहक जीवाणु ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी से लड़ने की कोई दवा का आविष्कार नहीं हुआ था।
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