What Happens To Us After Death?

मृत्यु के बाद (After Death) हमारे साथ क्या होता है?

क्या आप जानते हैं 6:00 बजे के बाद शरीर का अंतिम संस्कार क्यों नहीं किये जाते और क्या आपको पता है मृत्यु (Death) के बाद क्या होता है और 24 घंटे बाद आत्मा घर क्यों आती है और मृत्यु के बाद After Death तेरहवीं क्यों मनाई जाती है? क्या 13 दिनों तक मृतक की आत्मा घर पर रहती है?

1 – गरुण पुराण के अनुशार मौत (Death) से कुछ घंटे पहले इंसान के पैरों के नीचे से और सोल चक्र डिस्कनेक्ट हो जाते हैं। मतलब इंसान का धरती से कनेक्शन टूट जाता है और पैर ठंडे पड़ जाते हैं।

2 – मरने के बाद (After Death) इंसान का उसका संपूर्ण जीवन जन्म से लेकर मृत्यु (Death) तक फ्लैश्बैक एक मूवी की तरह स्पीड से दिखता है। विज्ञान के अनुसार यह सपना लगभग 7 मिनट का होता है उसके बाद ब्रेन शट डाउन हो जाता है और After Death अंत में इंसान अपनी सुनने की शक्ति खो देता है। जिसके बाद ऐश कॉल टूट जाता है जो कि एक तरह से शरीर और आत्मा का कनेक्शन है, जिसके टूटने से आत्मा शरीर से मुक्त हो जाती है।

3 – लंबे समय से शरीर में रहने के कारण वो बॉडी को छोड़ने से मना करती है। वो फिर से बॉडी में प्रवेश करने की काफी कोशिश करती है।लेकिन वो असफल रहती है। जैसे हमारे लिए किसी की मृत्यु को स्वीकार करना मुश्किल होता है, वैसे ही आत्मा भी शरीर की मृत्यु (Death) को मानने से इनकार करती है।

4 – शरीर छोड़ने के बाद (After Death) आत्मा बॉडी के 15 फिट ऊपर हवा में तैर रही होती है। वो अपने परिजनों को रोता हुआ देखती है। उसके बारे में बोले गए शब्द किसी शोर की तरह सुनाई देते हैं

5 – हिंदू ग्रंथों के अनुसार रात के समय अंतिम संस्कार नहीं किया जाता। उसे सूर्य देव की पहली किरण के बाद ही जलाया जाता है। अगर किसी व्यक्ति का अंतिम संस्कार रात को किया जाए तो उसकी आत्मा प्रेत योनि में प्रवेश करती है, जिसके बाद वो सदा के लिए प्रेत डाइमेंशन यानी की आयाम में भटकती रहती है।

6 – मृत्यु के बाद (After Death) शव को एक पल के लिए भी अकेला नहीं छोड़ा जाता। अगर शव को रातभर घर में रखा जाए तो संपूर्ण परिजन रातभर शव के पास जागते हैं। एक बार एक गांव में एक शव को कुछ पलों के लिए अकेला छोड़ दिया गया, जिसके बाद बाहरी प्रेतों ने उसके ऊपर कब्जा कर लिया और मृत बॉडी ने पूरा गांव जला दिया। गांव में हनुमान जी का एक मंदिर था।

(Death) मरी हुई बॉडी जैसे ही हनुमान जी के मंदिर के सामने से गुजरी उन आत्माओं ने हनुमान जी की मूर्ति देखी और फिर डर कर उस बॉडी को छोड़ दिया। तब से लेकर आज तक कोई भी डेड बॉडी को अकेले छोड़ने की गलती नहीं करता।

7 –अंतिम समय में दो यमदूत आते है।वो मरने वाले के साथ जैसा उसने संपूर्ण जीवन लोगों से व्यवहार किया था, ठीक वैसा ही व्यवहार उसके साथ करते हैं। अगर मरने वाला अच्छा आदमी है तो आसानी से प्राण त्याग देता है परन्तु वो पापी है तो यमदूतों के टॉर्चर से वो तड़प तड़प कर मरता है।

8 – जिसके बाद आत्मा को एक प्रकाश में गुफा से होते हुए यमदूत यमलोक ले के जाते हैं। रास्ते में वैतरणी नदी पार करते हुए आत्मा को जाना होता है। ये नदी आग से लथपथ होती है। जिसने अच्छे कर्म किए हैं वो आसानी से इस नदी को पार कर लेता है, लेकिन अगर कोई पापी व्यक्ति है तो उसे काफी पीड़ा भोगनी पड़ती है।

9 – मृत्यु के बाद (After Death) उस आत्मा को यमराज के सामने खड़ा कर दिया जाता है। फिर चित्रगुप्त जी उस व्यक्ति के पाप और पुण्य का लेखा जोखा यमराज के सामने रखते हैं। उसके कर्मों के आधार पर उसे स्वर्ग या नर्क भेजा जाता है। गरुड़ पुराण के अनुसार कुल 36 प्रकार के नरक है। यहाँ बताई गई यातनाएं किसी की कल्पना से भी खतरनाक है।

10 – सूइसाइड यानी आत्महत्या कर के प्राण त्यागता है तो उसे और भी कठिनाई सहनी पड़ती है क्योंकि उसने निर्धारित समय से पहले ही हार मान ली। यह शरीर हमारा नहीं हैं। ये किराये का मकान है जिसे कुछ समय के लिए यूज़ करने के लिए मिला है। ये मिट्टी का है।और 1 दिन मिट्टी में ही मिल जाएगा।

11 – गरुड़ पुराण के अनुसार हमारे वास्तविक जीवन में किए गए हमारे कर्म ही हमें नरक दिलाते हैं। उसके बाद अगर कोई साधु या तपस्वी है तो उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।

12 – सबसे बड़ा सवाल यह सब बातें हमें कैसे पता चली ? गरुड़ देव जिनका बल अतुलनीय है वो अकेले 700 इंद्र को पराजित कर सकते हैं। गरुड़ देव स्वर्ग से अमृत कलश लेकर उड़ गए थे लेकिन उन्होंने अमृतपान नहीं किया। उन्हें बिना अमृत के ही अमृता प्राप्त हुई। यह वरदान उन्हें स्वयं श्री हरि नारायण ने प्रसन्न होकर दिया था।

मृत्यु (Death) पर गरुड़ देव और श्री कृष्ण की वार्ता

गरुड़ देव तो अमर है, उन्हें नहीं पता की मृत्यु के बाद (After Death) क्या होता है। इसलिए जिज्ञासावश उन्होंने श्री हरि नारायण से यह प्रश्न पूछा और इसी विज्ञान को हम गरुड़ पुराण के नाम से जानते हैं। भगवद गीता में श्रीकृष्ण ने कहा था, आत्मा तो पैदा होती है और ना ही वह मरती है। वो तो सिर्फ वस्त्र की तरह एक शरीर से दूसरे शरीर में प्रवेश करती है।

मृत्यु (Death) तो केवल शरीर की होती है, आत्मा की नहीं। ये जीवन मृत्यु का चक्र यूं ही चलता रहता है। इसीलिए Don’t Die Defore You are Dead मरने से पहले कभी मत मरो। अंतिम समय में राम नाम सत्य है इसीलिए कहा जाता है क्योंकि वही संपूर्ण जीवन का सार है।

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