Why Women Wear Mangalsutra What Is Importance

 पुरुष मंगलसूत्र (Mangalsutra) क्यों नहीं पहनते?

हिन्दू धर्म में सभी त्यौहार ,व्रत ,और परम्पराओं को मानने या बनाये रखने का एक विशेष उद्देश्य होता है। पर हम और हमारे सनातन धर्म मानने वाले असंख्य व्यक्ति हैं जो इनकी उपयोगिता को नहीं जानते ना ही जानना चाहते हैं।
ऐसे लोग इन सभी को अन्धविश्वास या मजाक मानते हैं क्यों की उनको इनके महत्त्व के बारे नहीं पता होता। यदि आपको इनकी उपयोगिता या महत्व को जानना है तो इस पोस्ट पर बने रहे।

मंगलसूत्र क्या होता है ?

मंगलसूत्र (Mangalsutra) दो शब्दों से मिल कर बना है पहला मंगल और दूसरा सूत्र

मंगलसूत्र (Mangalsutra) = मंगल+सूत्र

मंगल का अर्थ होता है मगल गृह और सूत्र का अर्थ है धागा और मंगलसूत्र (Mangalsutra) का पूर्ण अर्थ होता है मगल गृह का धागा।


किस प्रकार का मंगलसूत्र पहनना चाहिए ?

अगर आप मगल सूत्र को देखेंगे तो उसमे एक सोने की धातु का प्रतीक और लाल धागे या लाल मोती होते हैं इसके आलावा कुछ लोग कला धागा या काले मोती का भी प्रयोग भी करते हैं। 


यदि किसी मंगलसूत्र (Mangalsutra) में काला धागा या काले मोती होते हैं तो वह मंगल सूत्र ना होकर शनि सूत्र बन जाता है। इसको शनि दोष के लिए पहना जाता है इसका ज्ञान भी कम ही लोगो को है।

अगर मगलसूत्र का धागा पूरा लाल होगा तभी वह एक पूर्ण और प्रभावी मंगलसूत्र सिद्ध होगा।

मंगलसूत्र (Mangalsutra) में सोने का पेन्डेन्ट क्न्यो होता है ?

प्राचीन ज्योतिष विज्ञानियों ने बताया है की मगल गृह के साथ साथ गुरु गृह भी पति का कारक होता है और सोना गुरु गृह से सम्बंधित है। मंगलसूत्र (Mangalsutra) में काली डोरी या एक भी काला मोती नहीं होना चाहिए।

 

कुछ लोग एसे भी होंगे जो सोने से बना मगल सूत्र नहीं पहन सकते। तो वे पीले धागे में लाल मोती पिरो कर पहन सकते हैं यही असली मगल सूत्र भी माना जाता है।  

 

हमारे संसार में और हमारे करीब कुछ लोग जरूर होंगे जो ज्योतिष विज्ञान और ग्रहो के प्रभाव को नहीं मानते हैं। और साथ में यह भी कहेंगे की वर्तमान में ऐसी बाते नहीं करनी चाहिए और इसको अन्धविश्वाश से जोड़ कर देखेंगे।

उनको बताना होगा की हम भले ही 21 वीं सदी में हैं पर प्राचीन ज्योतिष विज्ञान और वैदिक परम्पराओ का महत्व कम नहीं हो सकता।

आज सनातन धर्म में स्त्रियां मगलसूत्र (Mangalsutra) क्न्यो पहनती हैं और इसको पहनना क्यों जरूरी है जानेगे। आज हमारे समाज में बहुत सी स्त्रियाँ पश्चिमी सभ्यता को अपनाकर मगलसूत्र का महत्व ही भूल चुकी हैं।

उनको पता ही नहीं की स्त्रिओं को मगलसूत्र क्यों पहनना चाहिए और इसके क्या लाभ हैं। YouTube , Facebook और अन्य Social media platforms पर मगलसूत्र की महत्वता नहीं बताई जाती और जो इसके बारे कुछ बताते हैं उनको भी इसका कोई ज्ञान नहीं।

मंगलसूत्र किसने बनाया और किस वजह से स्त्रियाँ इस मगलसूत्र को धारण करती हैं।

पुरुष मंगलसूत्र क्न्यो नहीं पहनते हैं। 

क्या मंगलसूत्र ना पहनने से या उसके टूटने से उनके पतियों की मृत्यु हो जाती है।

कौन सा मंगलसूत्र पहनना ठीक नहीं। 

गलत मंगलसूत्र पहनने से आपको क्या नुक्सान होता है।

आज हम मगलसूत्र को पहने की वजह और उपयोगिता के बारे में जानेंगे।

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girl after marriage
हमारे धर्म में विवाह के उपरांत सभी महिलाये मंगलसूत्र (Mangalsutra) पहनती हैं मंगलसूत्र को सभी आभूषणो में विशेष स्थान दिया गया है।हमारे धर्म में स्त्रियों को मंगलसूत्र पहनने की परम्परा कँहा से आयी और किस वजह से मंगलसूत्र को पहनने की शुरुआत हुयी।

जब किसी कन्या का विवाह होता है तब इस मंगलसूत्र (Mangalsutra) को पहनना अनिवार्य कर दिया जाता है। कोई भी कन्या शादी से पूर्व हर तरह के खेल कूद और बचपन का आनंद लेती हैं। जब वह कन्या विवाह के बाद ससुराल जाती है तो उसके जीवन में बहुत से बदलाव आ जाते हैं।

विवाह के बाद वह कन्या एक महिला और बहू बन जाती है। और उसके ऊपर बहुत सी जिम्मेदारियां आ जाती हैं उस महिला को इन नयी जिम्मेदारियों को निभाना पड़ता है। जिसमे खाना पकाना सास ससुर की सेवा करना साथ ही घर में जेठ, जिठानी ,देवर और ननद के साथ प्रेम से मिलजुल कर रहना होता है।

बच्चो के पैदा होने के बाद उनकी देखभाल और पति की सभी जरूरतों को पूरा करने का भार भी स्त्रियॉं ही उठती हैं। इसके साथ उस घर की सारी परम्पराओ को भी निभाना होता है। इतने सारे काम और जिम्मेदारियों को निभाने के लिए उसको अपने स्वास्थ्य को भी देखना होता है।

अब इतनी मेहनत करने वाली स्त्रियों के लिए क्या करना चाहिए? जिससे वह सारे काम आसानी से कर सके। अब इसके लिए क्या कोई मंत्र देना चाहिए या कोई जड़ी बूटी खिला देनी चाहिए जिससे उस महिला में जोश ,स्टैमिना और ऊर्जा बनी रहे। जिससे वह भविष्य में बढ़ने वाली जिम्मेदारिओं को निभाने के लिए तैयार रहे।

मंगलसूत्र (Mangalsutra) पहनने का कारण

इस विषय को ध्यान में रख कर प्राचीन वैध ,ऋषि मुनियो ,और ज्योतिषाचार्यो ने एक हल निकला। उनके अनुसार किसी भी स्त्री की ऊर्जा (Energy) ,उत्त्साह Enthusiasm) और सहनशक्ति (Stamina ) को बढ़ा सकता है।

और मंगल गृह ही एक ऐसा गृह है जो महिलाओं के जीवन पर बहुत ही अच्छा प्रभाव डालता है। मंगल गृह के प्रभाव से महिलाओं में सहनशक्ति (Stamina) ऊर्जा (Energy) ,उत्त्साह (Enthusiasm) बना रहता है।

जो लोग गृह नछत्र में विश्वाश नहीं रखते उनको बता दे की रंग मनुष्य जीवन पर अत्यधिक प्रभाव डालते हैं। जिसको कम या ज्यादा नहीं किया जा सकता आज विज्ञान भी कलर थेरपी से बहुत से इलाज करती हैं इसको तो वे सच मानेंगे।

इसी प्रकार मगल गृह अपने लाल रंग के कारण हमारी जीवन शक्ति ,सहनशक्ति ,सहजता ,स्थिरता ,और ऊर्जा में वृद्धि करता हैं। इसके ऊपर काफी शोध भी किये जा चुके हैं जिनको वे इंटरनेट पर पढ़ भी सकते हैं। 

मगल गृह किस तरह महिलाओ के जीवन पर प्रभाव डालता है?

effect of mars planet on women

1- मंगल गृह का रंग लाल है और यह गृह महिलाओ के शरीर में खून की कमी नहीं होने देता। महिलाओं में रक्त पुरुषो की अपेछा कम होता इस वजह से महिलाओ में अनीमिया (Anemia) नामक रोग पुरुषो से अधिक होता है।इस बीमारी में रक्त में लाल कोशिकाओं की कमी हो जाती है। इस और मगल गृह की सहायता से महिलाओ में रक्त की कमी को पूरा किया जा सकता है।

 

2- मंगल गृह जोश ,ऊर्जा ,साहस ,सहनशीलता और शक्ति का कारक माना जाता है। अगर हम महिलाओ की तुलना पुरुषो से करे तो ये सारी चीजे महिलाओ में पुरुषो से कम होती है इस कमी को मगल गृह पूरा कर सकता है। 

 

3- ज्योतिष विज्ञान के अनुशार हर गृह,नक्षत्र हमारे किसी ना किसी रिस्तेदार से जुड़े होते हैं जैसे  

सूर्य – पूर्वज ,पिता ,और ताऊ से जोड़ा जाता है। 

चंद्र – माता और मौसी को दर्शाता है 

बुद्ध – बहन ,बेटी ,बुआ ,साली और नहनिहाल पक्ष को को दर्शाता है

गुरु – दादा ,पिता ,गुरु ,देवता और पति के कारक को दर्शाता है

शुक्र – पत्नी या स्त्री को को दर्शाता है

शनि – मामा ,नौकर और सेवक को को दर्शाता है

राहु – साला और ससुर को साथ ही राहु को दादा का प्रतिनिधित्व प्राप्त है। 

केतु – संतान और बच्चो को दर्शाता है साथ ही केतु को नाना का प्रतिनिधित्व भी प्राप्त है। 

मंगल – स्त्री के जीवन में पति को दर्शाता है पुरुषो के लिए मंगल भाई और मित्र को भी दर्शाता है 

4- मंगल गृह का लाल रंग प्रेम का प्रतीक है इस कारण लाल गुलाब और लाल ह्रदय को प्रेम का प्रतीक माना गया है। मगल गृह पति के साथ प्रेम को बढ़ाने का कारक बताया गया है।

 

5- मंगल गृह स्त्री के प्रजनन छमता से भी जुड़ा है स्त्री के मासिक धर्म का कारण भी मगल गृह को माना जाता है। हमारे शरीर के मूलाधार चक्र का रंग भी लाल है स्त्री की प्रजनन छमता को मगल गृह के प्रभाव से बढ़ाया जा सकता है। 

6- मंगल गृह को स्त्री के जीवन में पति के साथ संबंद्ध का कारक होने के कारण पति पत्नियों के आपसी प्रेम को बढ़ाने का कारक भी माना जाता है। पति के स्वास्थ और जीवन को भी बढ़ाने का कारक मंगल गृह ही माना जाता है। 

 

इस प्रकार अन्य असंख्य प्रभाव मगल गृह स्त्रीओ के जीवन पर डालता है। मंगल गृह के इन्ही प्रभावों के कारण हमारे ऋषि मुनि और ज्योतिषाचार्य ने मिल कर स्त्रीओ के लिए मंगलसूत्र (Mangalsutra) की रचना की। 

शनि सूत्र 

आज की बात करे तो आज की स्त्रियों का मगलसूत्र (Mangalsutra) शनि सूत्र बन चूका है क्योकि आज के मगल सूत्र में लाल की जगह काले मोती देखने को मिलते हैं। इस प्रकार के मंगल सूत्र को पहनने से मंगलसूत्र के असली प्रभाव को हम खो देते हैं। पुरानी परम्पराओ को ठीक से जानने वाले लोग आज भी लाल रंग का इस्तेमाल मगलसूत्र (Mangalsutra) में करते हैं।

शनि सूत्र का प्रभाव

काले धागे वाले मंगल सूत्र अर्थात शनि सूत्र के प्रभाव से पहले आपको पता होना चाहिए की प्राचीन समय में जो डाकू हुआ करते थे वे काले रंग इस्तेमाल करते थे। वे काले कपडे और काला टिका भी लगते थे उनके गले की माला भी काले रंग की ही होती थी।
एक चोर या डकैत को चोरी कर पाने के लिए चालाकी ,धोका ,विश्वाश्घात और छल गुण की आवश्यकता होती है। शनि गृह से सम्बंधित काला रंग इन डकैतों या चोरो में इन गुणों को बढ़ता हैं।
आज आप चारो तरफ देख सकते हैं की वस्त्रो या उपयोग किये जाने वाले यंत्रो में आपको काला रंग ही अधिक मिलेगा। आज भी पुरानी परम्परा मानने वाले या बुजुर्ग लोगो को पता होगा की हम किसी भी सुबह कार्य के लिए काले रंग को वर्जित मानते थे।
आज मंगलसूत्र की जगह शनिसूत्र स्त्रियां पहनने लगी हैं लाल रंग को भुला दिया गया हैं जिसका बुरा प्रभाव आज पति पत्नियों के सम्बन्धो में देखने को मिल जाता हैं।

मंगलसूत्र (Mangalsutra) पहनने का मुख्य उद्देश्य

  • विवाहित महिला के अंदर जोश ,उत्त्साह ,सहनशक्ति ,और आत्मविश्वाश बना रहे 
  • पति के साथ वैवाहिक जीवन को मधुर बनाना 
  • महिलाओ की प्रजनन छमता अच्छी हो जिससे वह स्वस्थ बालक को जन्म दे 
  • महिलाओ में रक्त सम्बन्धी बीमारियां ना हो मासिक धर्म से परेशानी ना हो 

हमारी परम्परा में मंगलसूत्र के (Mangalsutra) अलावा अन्य कई लाल रंग का इस्तेमाल महिलाओ को बताया गया हैं जैसे 

लाल सिन्दूर
लाल बिंदी
लाल चूड़िंया
लाल वैवाहिक जोडा आदि 

ये सभी मगल गृह से सम्बन्ध रखते हैं आपका क्या विचार हैं मुझे जरूर बताएं।

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