Artificial Intelligence (AI)
Artificial Intelligence (AI) वर्तमान में Trending Topic बना हुआ है। Artificial Intelligence एक तकनीक है जिसमें Computer Program या मशीनों को मानव जैसी बुद्धि और निर्णय लेने की क्षमता दी जाती है। AI का उद्देश्य दिए गए डेटा से सीखना, और समझ कर समस्याओं को समाधान करना, निर्णय लेना, और मानव जीवन को आसान बनाना होता है।
एक Artificial Intelligence Program उपयोगकर्ताओं के लिए उपयोगी सूचनाओं को संग्रहित (Save) करता है। इससे कंप्यूटर के निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होता है। AI की विभिन्न तकनीकों में मशीन लर्निंग (Machine Learning), डीप लर्निंग (Deep Learning), न्यूरल नेटवर्क (Neural Network), और जेनेटिक एल्गोरिथम (Genetic algorithm) शामिल होते हैं।
Artificial Intelligence अनेक उद्योगों में लागू होता है जैसे कि स्वास्थ्य सेवाएं, वित्तीय सेवाएं, निर्माण, सुरक्षा, और वाणिज्य। AI के उपयोग से संचार, विज्ञान, संचार, विज्ञान, और व्यापार के क्षेत्र में कई सुधार हुए हैं। AI विज्ञान और तकनीक की समस्याओं के समझने और समाधान के लिए उपयोग किया जाता है।
Artificial intelligence कब और किसने खोजा?
AI के विकास में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं। 1956 में जॉन मैक कार्थी (John McCarthy) ने एक कंफ्रेंस आयोजित की थी। जिसे “एक्सेसिबलिटी और इंटेलिजेंस” (Accessibility in intelligent) के नाम से जाना जाता है। जो Computer Science और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत मानी जाती है।
इसके अलावा, Artificial Intelligence के विकास में अलन ट्यूरिंग (Alan Turing), आंड्रे ट्यूरिंग (Alan Turing), मार्विन मिंस्की (Marvin Minsky), और जॉन सी मैककार्थी (John McCarthy) जैसे कई प्रभावशाली व्यक्तियों ने भी अहम भूमिका निभाई है।
Deep Learning
साल 2012 में ‘गूगल ब्रेन’ (Google Brain) ने एक न्यूरल नेटवर्क को ट्रेन करने के लिए एक नई तकनीक का उपयोग किया। जिसे “डीप कॉनवोल्यूशनल नेटवर्क” (Deep Convolutional Neural Networks) या “CNN” कहा जाता है। आधुनिक Artificial Intelligence की उपलब्धियों में से एक डीप लर्निंग का विकास कुछ ही वर्ष पहले हुआ था।
डीप लर्निंग (Deep Learning) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की उप-शाखा है। जिसमें अलग-अलग लेयरों के माध्यम से डेटा को सुरक्षित रखा जाता है। इसका विकास उच्च गति से हुआ है और इसे कुछ वर्षों में ही बहुत उपयोगी बनाया गया है।
इसका पहला संदर्भ 1940 के दशक में देखा जा सकता है। जब वॉरेन मैककार्थी ने अपनी थीसिस में ए लॉजिकल कैलकुलस ऑफ दा ह्यूमन मिंड (A logical calculus of the human mind) के अनुसार एक न्यूरल नेटवर्क का वर्णन किया था। इसके बाद बहुत से वैज्ञानिकों ने इसका विस्तार किया।और इस प्रकार के नेटवर्क का उपयोग करके Artificial Intelligence में बहुत से काम किए गए।
डीप लर्निंग (Deep Learning) का महत्वपूर्ण टर्निंग प्वाइंट 2012 में आया। जब एक Google टीम ने इसका उपयोग एक आंखों से अंदाजा लगाने वाले कंप्यूटर सिस्टम में किया। इस टीम का नाम ‘गूगल ब्रेन‘ था और इसको डिजाइन करने के लिए बहुत सी तकनीकों का उपयोग किया था।
AI का आने वाले भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
AI ने हमारी जिंदगी में कई उपयोगी सुविधाएं दी हैं। जैसे कि विभिन्न क्षेत्रों में स्वचालित समाधानों तक AI ने पिछले दशक में वैज्ञानिक और तकनीकी विकास में क्रांति ला दी है। और उसका उपयोग आज के दौर में तेजी से बढ़ता जा रहा है। आने वाले दिनों में Artificial Intelligence का उपयोग बढ़ेगा और उसका प्रभाव सभी क्षेत्रों में दिखाई देगा।
विभिन्न क्षेत्रों में Artificial Intelligence (AI) का उपयोग बढ़ने से लोगों को सटीक और निष्पक्ष निर्णय लेने में मदद मिलेगी। स्वास्थ्य सेवाओं में AI का उपयोग अधिक होगा जिससे नई और बेहतर दवाओं की खोज तथा रोगों के निदान में मदद मिलेगी। इसके अलावा, शिक्षा क्षेत्र में AI का उपयोग होगा और विद्यार्थियों को नई तकनीकों से अवगत कराया जाएगा।
AI का आने वाले भविष्य पर कई प्रभाव पड़ेंगे। कुछ प्रमुख प्रभावों में से कुछ निम्नलिखित हैं
1- नौकरियों के बदलाव – Artificial Intelligence के अधिक उपयोग के कारण, कुछ क्षेत्रों में मानव श्रम आवश्यकता कम हो सकती है। अगले कुछ सालों में, कुछ नौकरियों को AI स्वतंत्र रूप से करेगा। इस तरह से लोगों को अपने करियर पर ध्यान देने की जरूरत होगी ताकि वे AI के साथ रह सकें।
2- उत्पादकता में सुधार – AI के उपयोग से, कंपनियों की उत्पादकता में सुधार हो सकता है। अल्प समय में, उत्पादकता में सुधार से कंपनियों को अधिक आर्थिक लाभ होगा।
3- स्वास्थ्य सेवाएं – इसका का उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए किया जा सकता है। AI उपकरणों का उपयोग जांच करने और रोग या बीमारी के लिए उपचार की व्यवस्था करने के लिए किया जा सकता है।
लाभ
तेजी और दक्षता – AI इंसानों से बहुत तेज तरीके से सोचता है और बड़ी मात्रा में डेटा को संसाधित कर सकता है।
नई तकनीकों का उपयोग- AI के विकास से, हमें नई तकनीकों के विकास की उम्मीद है जो वर्तमान में उपलब्ध नहीं हैं। उदाहरण के लिए, स्वच्छता से संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए नए रोबोटिक उपकरण विकसित किए जा सकते हैं जो निस्तारण तकनीकों का उपयोग करते हुए फाइबर, जल आदि को सफाई करते हुए दिखाई देंगे।
नए रोजगार के सृजन- AI के विकास से नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। विभिन्न क्षेत्रों में, जैसे कि संगणक विज्ञान, रोबोटिक्स, बड़ा डेटा, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) आदि में नए कामों के अवसर होंगे।
स्वचालित समाधान – AI की मदद से स्वचालित तरीके से समस्याओं का समाधान किया जा सकता है
हानि
नौकरियों कम होंगी – AI के सुधार करने के साथ-साथ, यह संभव है कि अधिकांश नौकरियों पर AI के काम करने से नौकरियों की संख्या तेजी कम होंगी। जिससे बेरोजगारी बढ़ जाएगी उदाहरण के लिए, कुछ उद्योगों में रोबोट और AI सिस्टम का उपयोग किया जायेगा।
सुरक्षा की चिंता – एक अन्य बड़ी चुनौती जो AI के विकास से संबंधित है वह है सुरक्षा। जब एक सिस्टम अत्यधिक उन्नत हो जाता है, तो उसे हैक करने वाले लोगों के लिए बड़ा मौका होता है। यदि यह गलत हाथो में चला जाये तो इसका परिणाम बहुत ही बुरा होगा।
नैतिक मुद्दों पर विचार – अधिकांश AI सिस्टम स्वचालित होते हैं, इसलिए उनके फैसलों से मनुष्य के भविष्य में नुक्सान या परेशानी हो सकती है।
निष्कर्ष –
कृत्रिम बुद्धिमत्ता आज की तकनीकी दुनिया में एक बहुत ही महत्वपूर्ण तकनीक है। यह सिस्टम या मशीनों को उनके स्वयं बिना मानव संचालन के अपने काम करने में सक्षम बनाती है। आज के समय में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता विभिन्न क्षेत्रों में इस्तेमाल होती है, जैसे कि स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, निवेश, और संचार। इसके अलावा, यह आने वाले समय में भी बहुत अहम होगी, जिससे विभिन्न समस्याओं का समाधान किया जा सकेगा।
लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता नुकसान का कारण बन सकती है, जैसे कि नौकरियों का नुकसान, निजी जानकारी के उल्लंघन, और दूसरी समस्याएं। इसलिए, हमें इस तकनीक का जिम्मेदार उपयोग करना चाहिए और इसके नुकसानों को दूर करने के लिए उचित उपाय ढूंढने की जरूरत है।
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