भगवान शिव के जन्म से जुड़े कुछ खास रहस्य
भगवान शिव के जन्म को लेकर हमारे शास्त्रों में भगवान शिव को संघारक का दर्जा मिला हुआ है। सभी शिव भक्त इस बात को जानना चाहता है कि आखिर भगवान शिव का जन्म कैसे हुआ और इनके माता पिता का क्या नाम है?
अलग अलग पुराणो में भगवान शिव के जन्म और उनके माता पिता के विषय में कई सारी कथाएं प्रचलित हैं। इसीलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
भगवान शिव शंकर के जन्म से जुड़े कुछ खास रहस्य जो शायद आपको ना पता है। तो चलिए जानते हैं आखिर क्या है भगवान शिव शंकर के जन्म का रहस्यआखिर कैसे हुआ उनका जन्म और उनके माता पिता कौन है?
भगवान शिव की उत्पत्ति
शिवपुराण के मुताबिक भगवान शिव को स्वंभू माना गया है यानी इनकी उत्पत्ति स्वम ही हुई है। भगवान शिव जन्म और मृत्यु से परे। विष्णु पुराण में भगवान शिव के जन्म से संबंध में एक कथा प्रसिद्ध है।
कथा के अनुसार एक बार ब्रहम्मा जी को एक बच्चे की जरूरत थी तब उन्होंने इसके लिए तपस्या की। तभी अचानक उनकी गोद में रोते हुए बालक शिव प्रकट हुए। ब्रहम्मा ने बच्चे से रोने का कारण पूछा तो उसने बड़ी मासूमियत के साथ जवाब दिया की उसका नाम ब्रहम्मा नहीं है इसीलिए वह रो रहा है।
तब ब्रहम्मा ने भगवान शिव का नाम रूद्र रखा जिसका अर्थ होता है रोने वाला। शिव के ब्रहम्म पुत्र के रूप में जन्म लेने के पीछे भी विष्णु पुराण में एक पौराणिक कथा है।
शिव का ब्रह्म पुत्र के रूप में जन्म
कथा के अनुसार जब धरती, आकाश समेत पूरा ब्रह्माण्ड जलमग्न था तब ब्रह्मा, विष्णु और महेश के सिवा कोई भी देव या प्राणी नहीं था। तब केवल विष्णु ही जल सतह पर अपने शेषनाग पर लेटे नजर आ रहे थे। तब उनकी नाभि से कमल नाल पर ब्रह्मा जी प्रकट हुए। जब ये दोनों देव सृष्टि के संबंध में बातें कर रहे थे तब भगवान शिव जी उनके सामने अवतरित हुए पर ब्रह्मा ने उन्हें पहचानने से इनकार कर दिया।
तब शिव के रूठ जाने के भय से भगवान विष्णु ने ब्रह्मा को शिव की याद दिलाई। ब्रह्मा को अपनी गलती का एहसास हुआ और शिव से क्षमा मांगते हुए ब्रह्मा ने उनसे अपने पुत्र रूप में पैदा होने का आशीर्वाद मांगा। शिव देव ब्रह्मा की प्रार्थना स्वीकार करते हुए उन्हें यह आशीर्वाद दिया।
लेकिन जितना ये आपको साफ साफ नजर आता है या सरल लगता है पर ये उतना सरल है नहीं। ये बहुत ही संगीन है ये मामला बहुत ही उलझा हुआ है कि आखिर शिव के पिता कौन है? ऐसे में एक बार माता पार्वती ने भी शिव से पूछा था कि आखिर आपके पिता कौन है? आपका जन्म कैसे हुआ?
नारदजी का शिव के जन्म को लेकर प्रश्न
एक बार नारदजी ने भी ब्रह्मा जी से सवाल किया था कि सृष्टि का निर्माण किसने किया, भगवान विष्णु ने या फिर भगवान शिव ने और आप तीनो को किस ने जनम दिया? यानी आपके तीनों के पिता माता कौन है?
तब ब्रह्मा जी ने नारदजी से त्रिदेवों की जन्म की गाथा का वर्णन करते हुए कहा कि देवी दुर्गाऔर भगवान शिव स्वरूप ब्रह्म के योग से ब्रह्मा, विष्णु और महेश की उत्पत्ति हुई है। यानी प्रकृति स्वरूप दुर्गा ही माता है और ब्रहम्म सदाशिव पिता हैं।
श्री ब्रह्मा जी और श्री विष्णु जी का झगड़ा
इसी गाथा में एक बार श्री ब्रह्मा जी और श्री विष्णु जी का इस बात पर झगड़ा हो गया।ब्रह्मा ने कहा कि मैं तेरा पिता हूँ क्योंकि यह मुझ से उत्पन्न हुई है, मैं प्रजापिता हूँ। इस पर विष्णु जी ने कहा की मैं तेरा पिता हूँ तो मेरी नाभि कमल से उत्पन्न हुआ है।
शिव ने विष्णु जी और ब्रह्मा जी के बीच में आकर कहा हे पुत्रों मैंने तुमको जगत की उत्पत्ति और रक्षा रूपी की दो कार्य दिए। इसी प्रकार मैंने शिव और रुद्र को दो कार्य संहार और तिरुपति दिए हैं।
मुझे वेदों में ब्रह्म कहा जाता है, मेरे पांच मुख है, एक मुख से आकार, दूसरे मुख से उकार,तीसरे मुख से मुकार और चौथे मुख से बिंदु और साथ ही साथ पांचवें मुख से नाद यानी की शब्द प्रकट हुए हैं
ॐ अक्षर की उत्पत्ति
उन्हीं पांच अवयवो से एक अक्षर ॐ की उत्पत्ति हुयी है। अक्षर ॐ मेरा मूल मंत्र है यानि की शिव, ब्रहम्मा और विष्णु के पिता हैं ब्रहम्मा और विष्णु इसी ब्रहम्म से उत्पन्न हुए हैं शिव, ब्रहम्मा और विष्णु।
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