प्रोजेक्ट तभाह उत्तराखंड फिर आफत में
ग्लेशियर टूटने से उत्तराखंड के चमोली में बाढ से जान और माल की भारी तभाही।ऋषि गंगा नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क से निकल कर धौला नदी और अलकनंदा नदी के संगम पर ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट पर पिछले 10 वर्षो से कार्य चल रहा है। चमोली जिले के रैणी गांव में यह प्रोजेक्ट एक निजी कंपनी के पास था। जिससे बिजली का उत्पादन कर अन्य राज्यों तक पहुंचाया जाने का लक्ष्य था। पर अचानक चमोली में ग्लेशियर टूटने से पानी का स्तर अचानक बढ़ा जिसको ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट पर बना बांध अचानक टूट गया।बांध के टूटने के बाद जो तबाही शुरू हुई उसको देख लोग शिहर गए।
तभाई पर बोलीं उमा भारती
पूर्व केंद्रमंत्री उमा भारती ने कई tweet किए उन्होंने कहा ऋषि गंगा प्रोजेक्ट का विरोध उन्होंने किया था। उनके और लोगो के विरोध को नजर अंदाज कर दिया गया। 10 वर्षो से चल रहे प्रोजेक्ट का काम अभी पूरा नहीं हुआ।
मजदूरों ने गवाई जाने
इस ऋषि गंगा प्रोजेक्ट पर काम चल रहा था लोगो ने बताया एक तेज आवाज के बाद चारो तरफ धूल का गुबार उठा।कुछ देर बाद पानी की लहरे घाटी में जो मिला बहा कर ले जाने लगी।इसमें सबसे ज्यादा जाने वहां काम कर रहे मजदूरों की गई। इस बांध के टूटने से नदी के किनारे बसे लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया जा चुका है।
प्रधान मंत्री असम मे सभा को कर रहे थे संबोधित
जब ऋषि गंगा प्रोजेक्ट की तबाही की खबर आयी उस समय प्रधानमंत्री असम में थे और दोपहर के 1:30pm बजे थे। खबर पा कर मोदी जी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और अन्य राहत एजेंसियों से बात की और जल्द से जल्द मदद भेजने की बात की। इसमें NDRF के जवान भी सामिल थे जो हमेशा देश में प्राकृतिक आपदाओं मे सबसे आगे रहते हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया tweet
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया दोपहर 3:10pm पर पानी का बहाव धीमा हो गया है। और केंद्र सरकार व गृहमंत्री से उनकी बात हुई और उन्होंने भरपूर सहायता पहुंचाई। और इस आपदा से प्रभावित लोगों की सहायता युद्ध स्तर पर चल रहा है। जल्द ही प्रभावित लोगो का सही आकलन किया जा सकेगा। समय से इस आपदा का प्रकोप कम हो गया नहीं तो बहुत बड़ी तभाई हो सकती थी।