CORONA VIRUS KE NYE OR GHATAK ROOP OMICRON VARIANT SE RAHE DOOR

Omicron variant की वजह से दुनिया सदमे में 

Omicron variant की वजह से दुनिया के देशों ने सतर्कता की शुरुआत कर दी है। कुछ देशों ने एक बार फिर लॉकडाउन लगाना सुरु कर दिया है दूसरी तरफ दूसरे देशों की उड़ने भी रद्द कर दी हैं। अभी सारा संसार Corona virus की तभाही से उभरा भी नहीं उसी समय कोरोना का नया रूप Omicron वैरिएंट ने दस्तक दे दी है और इसके मरीज भी मिलना सुरु हो गए हैं।

Omicron variant

जब सभी ने Corona virus के डर को भुला दिया और सावधानिया त्याग दी न ही मास्क लगाए कोई दिखता है। अगर आप ने भी एसा करना सुरु कर दिया है तो ये आपके लिए घातक सिद्ध हो सकता है। सारे बाजार ,मंडियां ,सिनेमाघर खोल दिए बच्चो के स्कूल भी खोले जाने लगे हैं।  राज्य सरकारों ने धीरे धीरे लगभग वे सभी रोक हटा दी जो कोरोना की रोकथाम के लिए लगायी गयीं थी। सरकार भी ज्यादा लंम्बे समय तक सभी चीजे बंद नहीं कर सकती क्न्योकि इसका सीधा असर आम इंसानो पर पड़ता है। इन रोको के न हटाने पर आर्थिक व्यवस्था प्रभावित होने लगी। इस लिए हमेसा के लिए सरकार या राज्य सरकार एसा नहीं कर सकती। हमारा देश कोरोना की दूसरी लहर से गुजरा और उस के प्रकोप को सभी ने देखा। पहली और दूसरी लहर ने लोगो को Corona virus से प्रभावित किया साथ की कमाई के साधन भी ख़तम कर दिये थे। दूसरी लहर के बाद वैज्ञानिको के अनुमान अनुसार अक्टूबर माह में तीसरी लहर आने का अंदेशा था। लेकिन जब तीसरी लहर अक्टूबर में नहीं आयी तो लोग लापरवाही करने लग गए। लेकिन ये सबको पता है की कोरोना अपना रूप बदल कर बार बार प्रहार करता है। 

Corona virus के कई  वेरिएंट

अब तक हमारा देश Corona virus के कई  वेरिएंट की मार झेल चुका है।  अल्‍फा, बीटा, गामा, डेल्‍टा ये कुछ कोरोना वैरिएंट हैं जो बदल बदल कर सामने आते रहे। आपको ये जानना बहुत जरुरी है की कोरोना वायरस भी खुद को जिन्दा रखने के लिए अपना रूप बदलते हैं। Corona virus अपने इम्यून सिस्टम को पहले से ज्यादा मजबूत बनाता है जिससे हमारा इम्यून सिस्टम Corona virus को पहचान न सके। Corona virus का अपने रूप को बदल लेने की आदत इसको बहुत ज्यादा खतरनाक बनाती है।   

कोरोना वायरस का नया वेरिएंट Omicron 

Omicron (B.1.1 .529 ) इसको सबसे पहले अफ्रीका के Botswana में 14 नवम्बर को देखा गया। इसके बाद ये दुनिया के सभी बड़े देसो में पहुंचना सुरु हो गया है अब World Health Organization (WHO) ने भी Omicron की पुष्टि कर दी है। अभी इसके स्पष्ट लक्छण ज्ञात नहीं हो सके हैं पर इससे संक्रमित लोगो को 

सर में तेज दर्द
तेज बुखार 
सुखी खासी 
मासपेसिओ में दर्द 
सरीर में तेज दर्द जैसे लक्छण देखने को मिले हैं। 

वैज्ञानिको का कहना है की हो सकता है Omicron Variant पुराने corona Variant से जादा खतरनाक साबित हो सकता है। वैज्ञानिको के अनुसार Omicron Variant में 32 म्युटेशन पाए गए हैं इससे पहले Lambda Variant में सिर्फ 7 तरह के म्यूटेशन देखने को मिले थे। साधारण भाषा में कहे तो जिस वायरस में जितने म्यूटेशन ज्यादा होते हैं वह उतना ही नुक्सान पहुंचाता है। World Health Organization (WHO) ने अभी तक चार प्रकार के Corona Variants के बारे में बताया था जो इस प्रकार हैं  

corona variants

कितना नुक्सान पंहुचा सकता है Omicron Variant

वैज्ञानिको की एक रिपोर्ट के अनुसार Omicron variant कोरोना वायरस के पुराने वैरिएंट्स से अधिक तेजी से फ़ैल सकता है और कंही अधिक घातक हो सकता है। वैज्ञानिक बताते हैं की तेजी से फैलने वाला कोरोना वायरस कम घातक और धीरे धीरे फैलने वाला कोरोना वायरस अधिक घातक होता है। अतः Omicron variant तेजी से फैलने वाला और कम घातक बताया जा रहा है। और नवम्बर 2021 तक इसके पूरे डाटा नहीं मिल पाए हैं जिससे कुछ भी कहना अभी मुश्किल है। लेकिन जंहा पर ये पाया गया है वहां ये तेजी से फैला है। 

Omicron variant पर वैक्सीन का असर 

अभी वैज्ञानिको ने Omicron variant पर वैक्सीन के असर को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। अभी ये पता नहीं लगाया जा सका है की Omicron variant पर वैक्सीन असर कर रही हैं या नहीं। इससे बचने के लिए हमें साडी सावधानिया बरतनी होंगी जो हम अन्य Corona virus से बचने के लिए बरतते आये हैं। 

 कोरोना और मौसमी बुखार (Seasonal flu ) दोनों में अंतर 

जंहा एक तरफ Corona virus से सारा संसार परेशान है वंही साधारण बुखार से लोग भृमित हैं। कोरोना वायरस से आने वाला बुखार और साधारण बुखार दोनों के लक्छण समान होते हैं। World Health Organizatioके अनुसार मौसमी बुखार में हर साल 6.5 लाख लोग हर साल मारे जाते हैं और इनकी भी वैक्सीन होती हैं जो हर साल  अपग्रेड की जाती हैं। मौसमी बुखार (Seasonal flu ) Influenza virus के कारण होता है और ये भी अपना रूप बदलता रहता है। मौसमी बुखार कमजोर व्यक्ति ,बच्चो और बूढ़े लोग जिनकी इम्युनिटी कम होती है उनको अपनी चपेट में लेता है। हम इन दोनों में अंतर इस प्रकार कर सकते हैं की मौसमी बुखार या साधारण बुखार 7 दिनों से ज्यादा नहीं रहता और बुखार तेज नहीं होता जबकि कोरोना वायरस के होने पर मरीज को तेज बुखार के साथ कोल्ड भी होता है। शरीर में दर्द के साथ साथ खून में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। 

सावधानियाँ बरते और सतर्क रहे 

Corona virus हो या साधारण बुखार जब हमारे शरीर में कोई वायरस प्रवेश कर जाता है तो हमारा शरीर उस वायरस से लड़ता है। इस लड़ाई से हमारे शरीर का तापमान बढ़ जाता है जिसको हम बुखार का नाम देते हैं। तो आम बुखार हो या Corona हमें किसी को भी साधारण रुप से नहीं लेना चाहिए अपनी जाँच कराये और दवा ले। कुछ ख़ास सतर्कता बरते जिससे आप खुद को और देश में फैलने वाली बीमारी को रोकने में अपना योगदान दे सकते हैं। 

 

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