जब कानून के घोड़े राजनीति की लगाम से दौड़ते हैं तो वो होता है जो हम मुंबई में होता देख रहे हैं। आपको बताना चाहूंगा रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयर पर्सन मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के आगे विस्फोटक से भरी एक संदिग्ध गाड़ी मिलती है। पहली नजर में ये केस आतंकवाद से जुड़ा दिखाई देता है। ये इसलिए और महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि ये देश के रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरपर्सन मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया से जुड़ा था। इसकी भनक लगते ही पुलिस एक्शन में आ गई और जांच शुरू की गई।जांच में पाया गया की गाड़ी में जिलेटिन रखा गया था जिसका उपयोग विसफोटको में किया जाता है।
मायानगरी मुंबई एंटीलिया केस की फिल्मी कहानी
इसके बाद जो हुआ उसकी पूरी कहानी आपको मायानगरी मुंबई की फिल्मी कहानी सी लगेगी।अब एंटीलिया केस की जांच में असिस्टेंट पुलिस स्पैक्टर सचिन वाजे मुख्य जांचकर्ता थे। ठीक तरह से जांच न होने पर जब इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने की तो मुंबई पुलिस केअसिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाज़े ही इसका मुख्य आरोपी के रूप में सामने आया। 13 मार्च को 12 घंटे की पूछताछ के बाद NIA ने सचिन वाजे को एंटीलिया के सामने जिलेटिन विस्फोटक से भरी गाड़ी खड़ी करने के आरोप में और मनसुख हीरेन की हत्या में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया। सचिन वाजे पर आईपीसी की धारा 285, 465, 473, 506(2), 120 बी के तहत केस दर्ज किया गया है। मनसुख हीरेन वह व्यक्ति था जिसका नाम सबसे पहले एंटीलिया केस से जुड़। क्न्योकि जो विष्फोटक से भरी गाड़ी एंटीलिया के सामने मिली थी वो मनसुख हिरेन की थी। पूछताछ में मनसुख हीरेन ने बताया था उसकी गाड़ी घटना से कुछ दिनों पहले चोरी हो गई थी। सचिन वाजे मनसुख हीरेन को जानता था मनसुख हीरेन गाड़ियों का डीलर था। मनसुख हीरेन को 5 मार्च को एक नाले में मृत पाया गया हीरेन की पत्नी ने मृत्यु का आरोप सचिन वाजे पर लगाया।
पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह और सचिन वाज़े के रिश्ते
- अब पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पर NIA की पूछताछ हो सकती है जिसके मुख्य सवाल होंगे
- परमबीर सिंह ने क्यों सचिन वाजे को बहाल करने के बात कही ?
- बहाली के बाद सचिन वाजे को सीआईयू का प्रमुख क्यों बनाया गया जबकि उससे सीनियर अफसर थे
- बहाली के बाद कई अहम मामलो की जाँच सचिन वाजे को सौंपी गयी
- एंटीलिया केस की प्रारंभिक जांच भी परमवीर सिंह ने क्यों सचिन वाजे को दी
- पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का लैटर बम
एंटीलिया जांच में जब सचिन वाजे फसा तो इसकी आग सीधे पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह तक पहुंची। पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने ही सचिन वाजे को एंटीलिया की जाँच सोंपी थी। और ANI की जाँच में सचिन वाजे ही मुख्य आरोपी निकला। इस वजह से इसकी सीधी आंच परमवीर सिंह पर पड़ी और परमवीर का ट्रांसफर DG होमगार्ड पद पर कर दिया गया। जिससे बौखलाए परमवीर सिंह ने मुंबई के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर वसूली करने के आरोप लगाए हैं। परमवीर सिंह ने CM को एक पत्र लिख कर बताया कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाज़े को हर माह 100 करोड़ वसूल कर देने को कहा। परमवीर ने बताया की खुद सचिन वाज़े ने ये बात उनको बताई थी।
25 फरवरी मुंबई पुलिस के 86 अफसरों के तबादले किए गए इन तबादलो को करवाही कहा जाए या जांच को गलत दिशा में ले जाना कहा जाए। फिलहाल मुंबई पुलिस और सरकार बुरी तरह अपने किए पर फस चुकी हैं। सरकार को जवाब देते नही बन रहा और एंटीलिया केस से लेकर वसूली केस में रोज नए खुलासे हो रहे हैं।अब इंतजार है की कब अपराधी पकड़े जाएंगे और नकाब में छुपे चेहरे बाहर निकले। अब विपक्ष को मुद्दा मिल गया है और जबरदस्त राजनीति शुरू हो चुकी है।
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