वैक्सीन कर रही हिन्दू धर्म पर प्रहार ?
हमारे देश एक कहने को तो लोकतान्त्रिक देश है जिसका मतलब है “लोगो का शासन” अर्थात जंहा जनता का शासन चलता है। लेकिन है इसका बिलकुल विपरीत जनता जानती ही नहीं की लोकतंत्र है क्या ? यँहा जनता द्वारा चुने गए नेता और सरकार नहीं चाहती की कोई उनसे कुछ पूछ सके। अगर किसी ने कुछ पूछा तो वो देश विरोधी। ये एक सरकार या पार्टी के साथ नहीं सभी राजनितिक पार्टियों का यही हाल है। ये एक दूसरे के साथ कुर्सी के लिए लड़ती रहती हैं। एक धर्म से दूसरे धर्म को सिर्फ वोट के लिए लड़वाती हैं। अभी हाल में एक मुद्दा जो कांग्रेस के National Coordinator “गौरव पांधी” ने अपने tweet के माध्यम से उठाया जो हिन्दुओ के धर्म पर प्रतिघात करता मालू पड़ा पर बात जल्द ही दब गयी। शायद इस लिए की विश्व में फैली महामारी से लोगो की जान वैक्सीन ही बचा रही है।
क्या है पूरा मामला ?
हाल में COVAXIN में गाय के 3 दिन से लिकर 20 दिन के बछड़े के सीरम (Calf Serum ) के इस्तेमाल की खबर से भारतीय राजनीती में तूफ़ान आया और इसको दबा दिया गया। 16 जून को विकास पाटनी नामक युवक ने एक RTI दाखिल की जिसमे पूछा गया की वैक्सीन किन चीजों से बनायीं गयी है। इसके एक जवाब में बताया गया की COVAXIN में गाय के बछड़े का सीरम (Calf Serum) इस्तेमाल किया गया है। इस जवाब को कांग्रेस के National Coordinator गौरव पांधी ने अपने tweet से सार्वजानिक कर दिया। COVAXIN में गाय के बछड़े का सीरम होने की खबर Social Media पर आग की तरह फ़ैल गयी। इसको हिंदू धर्म से जोड़ कर देखा जाने लगा हिन्दू धर्म में गौवंश की पूजा की जाती है और ये धर्म विरोधी है।
गौरव पांधी का Tweet |
मंगल पांडे का विद्रोह भी धर्म से जुड़ा था।
1857 में जब अंग्रेजो का शासन था तब तब मंगल पांडे एक सैनिक थे उस समय सैनिको को नयी बंदूके दी गयी थीं। नयी बंदूकों में जो कारतूस इस्तेमाल किये जाते थे उनको मुँह से काट कर इस्तेमाल किया जाता था। इन कारतूसो में गाय और सूअर की खाल का इस्तेमाल एक सड़यंत्र के तहत किया गया था। हिंदू धर्म में गाय को पवित्र माना जाता है और गाय की पूजा की जाती है। गाय की खाल से बने कारतूसों के इस्तेमाल से मंगल पांडे और अन्य सैनिको ने माना कर दिया क्न्योकि ये धर्म विरोधी था। मंगल पांडे के प्रतिनिधित्व में सैनिको द्वारा कारतूसो के इस्तेमाल न करने से ये एक बड़े विद्रोह में बदल गया था।
Bharat Biotech ने क्या सफाई दी ?
COVAXIN बनाने वाली कम्पनी Bharat Biotech ने भी कहा की COVAXIN में गाय के बछड़े का सीरम (Calf Serum ) का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही ये भी कहा की कई सालो से Vaccine बनाने में गाय के बछड़े और अन्य जानवरो के सीरम का इस्तेमाल होता आया है। रेबीज ,पोलियो अदि की Vaccine में भी गाय के बछड़े और अन्य जानवरो के सीरम का इस्तेमाल होता आया है। Bharat Biotech ने ये भी बताया की COVAXIN में बछड़े के सीरम (Calf Serum ) का इस्तेमाल Vero cell बनाने में किया गया है।
इससे पहले जानना पड़ेगा ये सीरम होता क्या है ?
इसको जाने के लिए हमे ये जानना होगा की खून (Blood) में होता क्या है। (Blood) में चार तरह पदार्थ पाए जाते हैं। (Blood) में Plasma ,RBC ,WBC और Platelets उपस्थित होते हैं सभी का अपना अलग अलग कार्य होता है। Serum को Blood से अलग करने के लिए एक विशेष मशीन की जरुरत होती है जो तेजी से घूमती है। इस विशेष मशीन में Blood को डाला जाता है और मशीन को तेजी से घुमाया जाता है। कुछ समय बाद मशीन की तली में Serum को छोड़ बाकी सभी पदार्थ Plasma ,RBC ,WBC और Platelets नीचे बैठ जाते हैं और Serum ऊपर आ जाता है जिसको अलग कर लिया जाता है और इसका इस्तेमाल Vaccine बनाने में किया जाता है।
कैसे प्राप्त होता है Serum ?
वैज्ञानिको के अनुसार दशकों से Vaccine बनाने में जानवरो के Serum का उपयोग होता आया है पहले गाय के Serum का इस्तेमाल किया जाता था। इस वजह से गाय की जनसंख्या में कमी आने लगी इससे बचने के लिए गाय के नवजात बछड़े जसकी उम्र 3 दिन से 20 दिन होती है उसका इस्तेमाल किया जाने लगा। हमारे देश में Serum का उत्पादन नहीं किया जाता क्न्योकि हमारे देश में ये हिन्दू धर्म के विरुद्ध है। हमारे देश में Serum ऑस्ट्रेलिया से निर्यात किया जाता है ऑस्ट्रेलिया Serum का एक बड़ा उत्पादक है।
खुद समझे Covaxin में Calf Serum है या नहीं ?
जब Vaccine को बनाया जाता है तो शुरुआती अवस्था में हमें एक Cell की आवश्यकता होती है इस Cell को Vero Cell कहा जाता है। अर्थात गाय के 3 दिन से लेकर 20 दिन के बछड़े के Serum का इस्तेमाल Vero Cell बनाने में किया जाता है। इन Vero Cell को Corona से संक्रमित कराया जाता है। संक्रमित होने के बाद इस Vero Cell को अच्छी तरह से धोया और साफ़ किया जाता है। जिससे सारी अशुद्धियाँ साफ़ कर दी जाती हैं अब इन Vero सेल का इस्तेमाल COVAXIN Vaccine बनाने में किया जाता है।
सबसे पहले हमको पता होना चाहिए की Allopathic विज्ञानं पाश्चात्य देशों से आया है। पाश्चात्य देशों में अधिकांश लोग मांशाहारी हैं वे किसी जानवर को नहीं पूजते। पर हमारे देश में गौवंश की पूजा की जाती है। हम बीमारीओं की तरह तरह की दवाइयां खाते है हमको नहीं पता होता की कौन सी दवा किन चीजों से बनी हैं। तो Vaccine पर ये सवाल करना कितना उचित है ?
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