शबनम पहली महिला जिसको दी जाएगी फांसी।
हमारे देश में कभी किसी महिला को फांसी नही दी गई। अब 21वीं सदी में ये इतिहास बदलने वाला है अमरोहा के छोटे से गांव वनखेड़ी गांव की शबनब को मौत की सजा दी जाएगी। उत्तरप्रदेश के मथुरा जिले में आज से 150 साल पहले बने इकलौते फांसी घर को इस फांसी के लिए त्यार किया जा रहा है। निर्भया के दोषियो को सजा देने जल्लाद पवन ही शबनम को फांसी देगा। जल्लाद दो बार इस फांसी घर जा कर सभी जीजो को परख चुका है।
कौन है शबनम?
शबनम अमरोहा के वानखेड़ी गांव की एक पढ़ी लिखी लड़की है। इसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिवार के साथ सदस्यों को कुल्हाड़ी से काट कर मौत के घाट उतार दिया। इस खौफनाक घटना को आज से 13 साल पहले अंजाम दिया गया था। अब इस वानखेड़ी गांव के लोग शबनम नाम से आज भी खौफ खाते हैं। अब इस गांव की किसी भी लड़की का नाम शबनम नहीं रखा जाता। और सभी गांव वाले बेसब्री से शबनम की फांसी का इंतजार कर रहे हैं।
क्या थी परिवार को मारने की वजह
वानखेड़ी गांव की शबनम के पिता का नाम शौकत था और वो एक अध्यापक थे। शबनम भी उसी गांव के स्कूल में शिक्षामित्र थी। शबनम के चाल चलन ठीक नही थे उसके किसी लड़के से संबंध थे। जिसका विरोध परिवार करता था पर शबनम पर हावी हवस की वजह से उसे कुछ दिखाई नहीं दिया। एक लड़के के चक्कर में उसने अपने आशिक के साथ मिल कर 14 अप्रैल 2008 की रात अपने पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया। शबनम और उसके आशिक ने मिल कर शबनम के पिता शौकत अपनी मां,दो भतीजे सहित 7 लोगो को कुल्हाड़ी से मौत के घाट उतार दिया।
शबनम और सलीम ने किस तरह मारा परिवार को?
14 अप्रैल 2018 की रात शबनम और उसके आशिक सलीम ने मिलकर पूरे परिवार को कुल्हाड़ी से काट कर मौत की नींद सुला दिया। इस घटना के बाद सलीम तो भाग गया पर शबनम सारी रात उन शव के साथ रही। और सुबह होते ही उसने शोर मचा दिया और कहा कि बदमाश घर आए और सबको मार दिया। इसके बाद वानखेड़ी गांव शुर्खियो में आ गया और उसके घर भीड़ उमड़ने लगी।लेकिन इस घटना का शक शबनम पर ही था। 4 दिनों बाद पुलिस ने शबनम के आशिक सलीम को पकड़ लिया। इसके बाद हत्या का सच सामने आ गया। उस समय माया वती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री थी और माया वती भी शबनम के घर पहुंची थी।
राष्ट्रपति का फैसला
इस घटना के लिए देश की सर्वोच्च अदालत ने शबनम और उसके आशिक को फांसी की सजा सुनाई।शबनम ने राष्ट्रपति से क्षमा की गुहार लगाई पर भारत के राष्ट्रपति ने भी शबनम की क्षमा याचिका को खारिज कर दिया और उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखा।
गांव के लोगो की प्रतिक्रिया
गांव के प्रधान समेत सारे गांव वाले जल्द से जल्द उसकी फांसी की मांग कर रहे हैं।गांव के लोग कह रहे हैं की जब तक शबनम को फसी नही होगी तब तक गांव के लोगो को भय बना रहेगा।
शबनम ने अपने परिवार को 2008 में मौत के घाट उतारा था।इतने लम्बे समय बाद उसको सजा दी जाएगी। उसकी फांसी की तयारी सुरु हो चुकी हैं। शबनम को जानने वाला हर व्यक्ति उसकी फांसी का इंतजार कर रहा हैं। अपने परिवार के 7 लोगो को मारने वाली शबनम को फांसी की सजा भी कम है।
दिमागी रूप से बीमार और हैवान होते ये करने वाले
हमारे समाज में कभी कभी ऐसी घटनाएं घटती हैं जिनको देख इंसानियत शर्मसार होती है। इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वाले लोग मानसिक रुप से बीमार होते हैं और राक्षस बन जाते हैं। हमारे पास ही ऐसे लोग घूमते रहते हैं पर इनको पहचान नहीं पाते।इसलिए हर व्यक्ति को होशियार रहने की जरूरत है और किसी पर शक हो तो जरूर बताएं।
बेहतरीन जानकारी प्राप्त हुई