भारत (BHARAT) का नाम इंडिया (INDIA) कब और कैसे पड़ा ?
भारत (Bharat) का नाम इंडिया (India) कब पड़ा, इस बारे में कोई निश्चित तिथि या घटना नहीं है। हालांकि, इस नामकरण के पीछे कुछ संभावनाएँ हैं।
एक संभावना यह है कि भारत (Bharat) का नाम सिंधु नदी के नाम पर पड़ा। सिंधु नदी भारत की सबसे लंबी नदी है, और इसे प्राचीन काल में इंडस नदी के नाम से जाना जाता था। यूनानियों ने इस नदी को इंडोस कहा, और यह शब्द लैटिन में इंडिया (India) बन गया।
एक अन्य संभावना यह है कि भारत (Bharat) का नाम भारतवर्ष के नाम पर पड़ा। भारतवर्ष एक प्राचीन नाम है, जिसका अर्थ है “भारत का देश”। यह नाम प्राचीन भारतीय ग्रंथों में पाया जाता है।
एक तीसरी संभावना यह है कि भारत (Bharat) का नाम भारत के लोगों के नाम पर पड़ा। भारत के लोगों को प्राचीन काल से इंडस कहा जाता था। यह नाम लैटिन में इंडिया (India) बन गया।
ये सभी संभावनाएँ एक दूसरे के साथ जुड़ी हुई हैं।
भारत का नाम इंडिया पहली बार किसने दिया
भारत का नाम इंडिया (India) पहली बार यूनानी इतिहासकार हेरोडोटस ने लिखा था, जो 484-425 ईसा पूर्व के बीच रहता था। उन्होंने अपनी पुस्तक “इतिहास” में भारत (Bharat) का उल्लेख “इंडोई” के रूप में किया है।
इसके बाद, रोमन इतिहासकार “प्लिनी द एल्डर” ने अपनी पुस्तक “नैचुरल हिस्ट्री” में भारत का उल्लेख इंडिया (India) के रूप में किया है।
मध्य युग में, भारत का नाम यूरोप में इंडिया (India) के रूप में लोकप्रिय हो गया। इंडिया (India) नाम 15वीं और 16वीं शताब्दी में यूरोपीय खोजकर्ताओं के आगमन के साथ भारत के लिए अधिक सामान्य रूप से उपयोग किया जाने लगा।
18वीं शताब्दी में, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत पर नियंत्रण कर लिया। इस अवधि के दौरान, भारत (Bharat) को ब्रिटिश उपनिवेश के रूप में इंडिया (India) के रूप में जाना जाता था।
भारत (Bharat) की आजादी के बाद, भारत का नाम आधिकारिक तौर पर “भारत गणराज्य” रखा गया। हालांकि, इंडिया (India) नाम अभी भी भारत के लिए सबसे आम नाम है।
भारत (BHARAT) के नाम के बारे में कुछ अन्य रोचक तथ्य:
भारत (Bharat) का नाम हिंदी, उर्दू, और कुछ अन्य भारतीय भाषाओं में भारत के रूप में लिखा जाता है।
भारत का नाम संयुक्त राष्ट्र, विश्व व्यापार संगठन, और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भी इंडिया (India) के रूप में प्रयोग किया जाता है।
कुल मिलाकर, भारत (Bharat) का नाम सिंधु नदी, भारतवर्ष, या भारत के लोगों के नाम पर पड़ा हो सकता है। यह नाम भारत की प्राचीन विरासत और समृद्ध संस्कृति को दर्शाता है।
भारत (BHARAT) देश में किन धर्मो को माना जाता है ?
भारत (Bharat) एक बहु-धर्मी देश है, जिसमें कई अलग-अलग धर्मों के लोग रहते हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में सबसे बड़े धर्म हिंदू धर्म है, जिसे 79.8% लोग मानते हैं। इसके बाद इस्लाम है, जिसे 14.2% लोग मानते हैं। सिख धर्म 1.7%, ईसाई धर्म 2.3%, बौद्ध धर्म 0.7%, जैन धर्म 0.4%, और अन्य धर्मों को 0.6% लोग मानते हैं।
हिंदू धर्म
हिंदू धर्म भारत (Bharat) का सबसे बड़ा धर्म है, जिसे भारत के 79.8% लोग मानते हैं। हिंदू धर्म एक प्राचीन धर्म है, जिसका विकास सिंधु घाटी सभ्यता के समय से हुआ है। हिंदू धर्म में कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, जिनमें भगवान शिव, भगवान विष्णु, और देवी दुर्गा शामिल हैं। हिंदू धर्म में कर्म और पुनर्जन्म के सिद्धांतों को भी स्वीकार किया जाता है।
इस्लाम
इस्लाम भारत का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है, जिसे भारत के 14.2% लोग मानते हैं। इस्लाम एक एकेश्वरवादी धर्म है, जिसका पालन मुसलमान करते हैं। मुसलमानों का मानना है कि केवल एक ही ईश्वर है, जिसका नाम अल्लाह है। मुसलमानों का पवित्र ग्रंथ कुरान है।
सिख धर्म
सिख धर्म भारत का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है, जिसे भारत के 1.7% लोग मानते हैं। सिख धर्म एक एकेश्वरवादी धर्म है, जिसका पालन सिख करते हैं। सिखों का मानना है कि केवल एक ही ईश्वर है, जिसका नाम अकाल पुरख है। सिखों का पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब है।
ईसाई धर्म
ईसाई धर्म भारत का चौथा सबसे बड़ा धर्म है, जिसे भारत के 2.3% लोग मानते हैं। ईसाई धर्म एक एकेश्वरवादी धर्म है, जिसका पालन ईसाई करते हैं। ईसाइयों का मानना है कि ईसा मसीह भगवान के बेटे हैं। ईसाइयों का पवित्र ग्रंथ बाइबिल है।
बौद्ध धर्म
बौद्ध धर्म भारत का पांचवां सबसे बड़ा धर्म है, जिसे भारत के 0.7% लोग मानते हैं। बौद्ध धर्म एक एकेश्वरवादी धर्म है, जिसका पालन बौद्ध करते हैं। बौद्धों का मानना है कि जीवन दुख से भरा है, और दुख से मुक्ति पाने का एकमात्र रास्ता है निर्वाण। बौद्धों का पवित्र ग्रंथ त्रिपिटक है।
जैन धर्म
जैन धर्म भारत का छठा सबसे बड़ा धर्म है, जिसे भारत के 0.4% लोग मानते हैं। जैन धर्म एक एकेश्वरवादी धर्म है, जिसका पालन जैन करते हैं। जैनों का मानना है कि जीवन दुख से भरा है, और दुख से मुक्ति पाने का एकमात्र रास्ता है अहिंसा। जैनों का पवित्र ग्रंथ त्रिरत्न है।
अन्य धर्म
भारत में कई अन्य छोटे-छोटे धर्म भी हैं, जिनमें पारसी धर्म, यहूदी धर्म, और अफ्रीकी धर्म शामिल हैं। इन धर्मों को भारत के 0.6% लोग मानते हैं।भारत की विविधता इसकी सबसे बड़ी ताकत है। भारत में रहने वाले विभिन्न धर्मों के लोग शांति और सद्भाव के साथ रहते हैं। यह भारत की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
भारत (BHARAT) का इंडिया (India) नाम बदल कर भारत रखने की पहल कब हुयी?
इंडिया (India) का नाम बदलकर भारत (Bharat) रखने की पहल ब्रिटिश शासन के दौरान ही शुरू हो गई थी। 19वीं शताब्दी में, कई भारतीय बुद्धिजीवियों और नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि इंडिया (India) का नाम बदलकर भारत (Bharat) रखा जाना चाहिए। उनका मानना था कि “इंडिया” नाम एक विदेशी नाम है, जो भारत की संस्कृति और विरासत को दर्शाता नहीं है।
1920 के दशक में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भी इंडिया (India) नाम बदलकर भारत रखने का प्रस्ताव रखा। कांग्रेस ने कहा कि यह नाम अधिक प्रासंगिक और उपयुक्त होगा।
1947 में भारत की आजादी के बाद, भारत सरकार ने इस प्रस्ताव पर विचार किया। सरकार ने पाया कि इंडिया नाम बदलकर भारत (Bharat) रखने से देशवासियों में एकता और राष्ट्रवाद की भावना बढ़ेगी।
1950 में, भारत (Bharat) के संविधान को अपनाया गया। संविधान में इंडिया (India) नाम को “भारत गणराज्य” रखा गया। हालांकि, “भारत” नाम का उपयोग आधिकारिक रूप से 1954 में किया जाने लगा।
इंडिया का नाम बदलकर भारत रखने की पहल के पीछे कुछ मुख्य तर्क थे:
भारत का नाम “भारत” अधिक प्रासंगिक और उपयुक्त है:
इंडिया (India) नाम एक यूनानी शब्द है, जो सिंधु नदी से लिया गया है। सिंधु नदी भारत की सबसे लंबी नदी है, लेकिन यह भारत का एकमात्र हिस्सा नहीं है। क्योंकि यह भारत (Bharat) के सभी हिस्सों को दर्शाता है।
भारत का नाम भारत की संस्कृति और विरासत को दर्शाता है:
भारत (Bharat) शब्द संस्कृत शब्द “भारतवर्ष” से लिया गया है। “भारतवर्ष” का अर्थ है “भारत का देश”। यह शब्द भारत की प्राचीन संस्कृति और विरासत को दर्शाता है।
भारत का नाम देशवासियों में एकता और राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ावा देगा:
भारत (Bharat) एक बहु-धर्मी और बहु-सांस्कृतिक देश है। भारत का नाम बदलकर भारत रखने से देशवासियों में एकता और राष्ट्रवाद की भावना बढ़ेगी।
हमारे देश का नाम भारत हमें हमारे शास्त्रों में भी मिलता है, इंडिया (India) नाम का शब्द किसी भी शास्त्र में प्रयोग नहीं हुआ है। जब भारत गुलाम हुआ तब अलग अलग लोगो ने भारत (Bharat) वर्ष पर शासन किया और अपने हिसाब से भारत का नाम बदला गया। अंग्रेजो के शासन काल में अंग्रेज भारत को भारत नहीं बोल पाते थे, और इंडिया शब्द वे आसानी से बोल लेते थे इन लोगो ने भारत वर्ष को इंडिया नाम से पुकारना शुरू कर दिया। सरल भाषा में कहे तो इण्डिया भारत वर्ष का pet नाम है।
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