What is the new 2021 Population Control Draft of Uttar Pradesh

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जनसंख्या नीति (Population Control) का मुद्दा नया नहीं हमारे देश के आजाद होने के बाद जनसँख्या को कम करने के लिए कई कड़े कदम उठाये गए। जनसँख्या के आधार पर हमारा देश दूसरे पायदान पर आता है इसमें प्रथम चीन,भारत,संयुक्त राज्य अमेरिका और चौथे स्थान पर इंडोनेशिया है। 

जनसंख्या नियंत्रण (Population Control) के लिए आपातकाल (Emergency) के दौरान की गयी नसबंदी का कला इतिहास 

25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक आपातकाल (Emergency) घोषित किया गया। उस समय जनसंख्या पर रोक लगाने के लिए पुरषो की जबरन नसबंदी की गयी। इस समय देश की प्रधान मंत्री श्री मति इंद्रागाँधी थी। इंद्रा गाँधी के पुत्र संजय गॉंधी के आदेश पर देश में जगह जगह कैंप लगा कर जबरन नशबंदी की गयी। इस पातकाल के दौरान गांव को चारो और से घेर कर गांव के युवा पुरषो की नसबंदी की गयी। जिसमे लोगो को जान भी गवानी पड़ी आपात काल के दौरान हुयी नसबंदी की संख्या 60 लाख के करीब थी। इतने लोगो की नसबंदी के बाद भी जनसंख्या में कोई कमी नहीं आयी। जबरन नसबंदी की जगह जागरूकता और शिक्षा की सहायता से इसको रोका जा सकता था। जबरदस्ती किसी पर प्रतिबंध लगाकर आबादी को बढ़ने से रोकने का विचार सरासर गलत है। इससे लोगो में डर और सरकार के प्रति विश्वास ख़त्म होता है। 

जनसंख्या नियंत्रण क़ानून (Population Control Bill Draft) बनाने के लिए उठाये गए कदम 

11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day) वाले दिन उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की नई जनसंख्या नीति की घोषणा कर चुके हैं। इससे पहले राज्य के विधि आयोग ने एक ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार की है जो उत्तरप्रदेश की जनसंख्या की रोकथाम के लिए बनाया गया है। इस ड्राफ्ट को विधि आयोग ने वेबसाइट पर डाला है और 19 जुलाई तक आम लोगो के विचार इस ड्राफ्ट को लेकर मांगे गए। इसके बाद ये सरकार के ऊपर है की वह इसको लागू करती है या नही। हमारे समाज में देखा गया है की वे परिवार जो गरीबी रेखा से थोड़ा ऊपर हैं  वे बच्चे अधिक पैदा करते हैं। इसका एक कारण पुरुषो के साथ साथ महिलाओ में अशिक्षा का होना हो सकता है। ये परिवार बच्चो का पालन पोषण और शिक्षा का उचित ध्यान नहीं दे पाते और इस तरह अशिक्षा बढ़ रही है। दूसरी तरफ धनी और शिक्षित लोग दो या दो से कम बच्चे पैदा कर रहे हैं। शिक्षित और अशिक्षित लोगो की संख्या का अनुपात जनसंख्या के लिए अधिक घातक साबित होगा।

उत्तरप्रदेश में कब लागु होगा जनसंख्या नियंत्रण क़ानून (Population Control Bill)

यदि उत्तरप्रदेश की योगी सरकार जनसंख्या नियंत्रण क़ानून (Population Control Bill) को सदन में पास करा लेती है तो पास होने के 1 साल बाद इसको लागू किया जायेगा। 

क्या है जनसंख्या नीति ड्राफ्ट (Population Control Bill) की Report में

उत्तर प्रदेश सरकार जनसंख्या नीति 2021, 2030 को लागू करने के लिए विधान सभा में विधेयक लाएगी। जस्टिस मित्तल की अध्यक्षता में विधि आयोग (Law Commission) द्वारा बनाये गए ड्राफ्ट में कई लाभ और हानि दोनो हैं। ऐसा नही की जो इस कानून को नही मानेगा उसको सजा मिलेगी पर उसको सरकार की योजनाओं से वंचित रहना पड़ेगा। और दो या एक बच्चे वाले परिवार को सरकार की तरफ से कुछ अतिरिक्त लाभ दिए जायेंगे। इस नीति के अनुसार “हम दो हमारे दो ” वाली नीति को आगे बढ़ाया जाएगा। यदि विधि आयोग का ड्राफ्ट लागू हुआ तो दो से अधिक बच्चों के होने पर 

  • जिसके दो से अधिक बच्चे होंगे वह व्यक्ति निकाय चुनाव नही लड़ सकेगा
  • सरकारी नौकरी का आवेदन नही कर सकेगा। 
  • सरकारी नौकरी में प्रमोशन नहीं मिलेगा
  • सरकारी नौकरी में इंक्रीमेंट नही मिलेगा
  • सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी नही मिलेगी
  • सरकारी नौकरी में दो से अधिक बच्चे पैदा करने वाले व्यक्ति को बर्खास्त तक किया जा सकता है।

इस कानून के तहत एक तारीख तय की जाएगी उसके बाद से ही नियम लागू होंगे अगर किसी के पहले से तीन बच्चे हैं तो ये नियम उन पर लगी नही होगा।

सरकारी नौकरी में नई जनसंख्या नीति के लाभ

  • सरकारी नौकरी में जिनके दो बच्चे होंगे उनको दो स्पेशल इंक्रीमेंट दिए जायेंगे।
  • दो बच्चो वाले सरकारी कर्मचारी को लोन कम दर पर दिया जायेगा। ब्याज माफ भी किया जा सकता है।
  • सरकारी नौकरी में एक बच्चा पैदा करने के बाद यदि वे परिवार नियोजन अपना लेते हैं या दूसरा बच्चा नहीं करते तो उनको चार इंक्रीमेंट दिए जायेंगे।
  • सरकारी कर्मचारी को पीएफ में 3% अधिक ब्याज मिलेगा।
  • साथ की सरकारी कर्मचारियों को परिवार नियोजन अपनाने पर अन्य कई लाभ दिए जायेंगे।

सरकारी कर्मचारियों के अलावा अन्य कर्मचारियों को क्या मिलेगा।

गैर सरकारी कर्मचारी जो सिर्फ 2 बच्चे पैदा करते हैं उनके लिए भी कई लाभ दिए जायेंगे।

  • गैर सरकारी कर्मचारियों को बिजली,पानी,हाउस टैक्स, होम लोन के बिलों में रियायतें दी जायेंगी।
  • घर,शिक्षा और अन्य लोन सस्ती दरों पर दिए जायेंगे।
  • वन चाइल्ड पॉलिसी के आधार पे BPL कार्ड धारको को कई सुविधाएँ दी जाएँगी। 
  • यदि कोई BPL कार्ड धारक परिवार एक बच्चे के बाद परिवार नियोजन को अपनाता है तो लड़के के जन्म पर 77 हजार रूपये और लड़के की 20 साल तक निशुल्क शिक्षा दी जाएगी। 
  • BPL कार्ड धारक परिवार यदि एक लड़की के बाद कोई परिवार परिवार नियोजन अपनाता है तो लड़की के लिए 1 लाख रूपये और स्नातक तक की निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था सरकार करेगी।  
  • इसके इलावा उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति और सरकारी नौकरियों में वरीयता दी जाएगी

गैर सरकारी कर्मचारियों के परिवार पर दो से अधिक बच्चे पैदा करने पर ना मिलने वाले लाभ सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले सकता।

  • सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले सकता।
  • यदि कोई परिवार दो से अधिक बच्चे पैदा करता है तो उसके राशन कार्ड पर चार से अधिक लोगो का राशन नहीं दिया जायेगा। 
  • जिसके दो से अधिक बच्चे होंगे वह व्यक्ति निकाय चुनाव नही लड़ सकेगा 
  • सरकारी नौकरी का आवेदन नही कर सकेगा।
जनसंख्या के आधार पर देखा जाए तो हमारे देश की जनसंख्या छेत्रफल के आदर पर काफी जादा है। अगर जनसंख्या लगातर बढ़ती रहे तो इसको रोकना जरुरी हो जाता है। इसका प्रभाव ये होगा की आने वाले समय में जरुरी संसाधन कम पड़ने लगेंगे और भुकमरी की नौबत तक आ सकती है। देश के स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) के अनुसार भारत के 23 राज्यों में जांच के दौरान पाया गया की इन 23 राज्यों की जनसंख्या वृद्धि में पहले से काफी कमी आयी है। और ये जारी है हो सकता है आने वाले समय में देश की आबादी अपने आप काबू में आ जाये। अब हमारे देश के नागरिक भी इसको समझते हैं और जनसंख्या को काबू करने में योगदान भी दे रहे हैं। पर कुछ राजनितिक पार्टियां इलेक्शन के दवाब में आकर अलग अलग कदम उठती हैं ये हारने का डर है या कुछ और ये तो समय ही बताएगा। 
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