Petrol Ke Sath Diesel Ki Kimat Me Kyo Lagi Aag Kab Hoga Sasta

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पेट्रोल और डीजल की कीमते जिस तरह बढ़ी हैं इस बात को सभी जानते हैं। पेटोल और डीजल इतना महंगा क्यों हुआ या पेट्रोल और डीजल की कीमते कैसे तय होती हैं यह समझना आम आदमी के लिए कठिन है। डीजल और पेट्रोल से हमारी राज्य सरकार और केंद्र सरकार खूब पैसा बनता हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमत कौन और कैसे तय करता है ये आपको समझना जरुरी है ये महंगा या सस्ता कब होता है। तो आईये जानते हैं कब और कैसे तय की जाती हैं पेट्रोल की कीमतें। ये पोस्ट पूरी पढ़ कर आपके मन में उठने वाले सारे सवालों का हल आपको मिल जायेगा। 

पिछले कुछ वर्षो के अनुसार देश  में पेट्रोल और डीजल की कीमतें  

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कैसे आया उछाल जानने से पहले ये जानना जरूररी है की हमरे देश में पिछले कुछ वर्षो में तेल की कीमतें कितनी थी ? यह जान कर अंदाजा लगाया जा सकता है की तेल की कीमतों में कब कब उछाल आया। 

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आप को बता दू किसी चीज के दाम तब बढ़ते हैं जब उसकी मांग बढ़ जाती है दूसरा जब किसी चीज की उपलब्धता कम हो जाये। पर पेट्रोल पर डीजल पर यह बात लागू नहीं होती। 

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किस तरह तय होते हैं डीजल और पेट्रोल के दाम 

डीजल या पेट्रोल हमें प्राप्त होता है कच्चे तेल से जिसे पेट्रोलियम भी कहा जाता है हमारी साकार इस कच्चे तेल को खरीदती है। इस कच्चे तेल की कीमत कम या ज्यादा होती रहती है। कच्चे तेल की कीमते डीजल या पेट्रोल के दाम पर कितना असर डालती हैं आइये इसको जानते हैं। आज हमारी सरकार Dynamic price System के आधार पर तेल की कीमतों को तय करती है। जब इंटरनेशनल बाजार में कच्चे तेल की कीमते घटती या बढ़ती हैं उसका असर पेट्रोल या डीजल के दामों पर पड़ता है। कहने का मतलब यह है की सरकार पेट्रोल की कीमत तय नहीं करती इंटरनेशनल बाजार पेट्रोल और डीजल के दाम तय करता है पर ये पूरा सच नहीं

सरकारों द्वारा बदले गए तेल की कीमतों के नियम 

एक समय था जब सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम तय करती थी। तेल कितना महंगा होगा और कितना सस्ता ये सरकार के हाथ में था लेकिन इससे सरकार पर कीमते कम करने का दवाब बना रहता था। लेकिन 2010 में जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे उन्होंने पेट्रोल की कीमते बढ़ने या घटने का सम्बन्ध कच्चे तेल के कीमतों के अनुसार तय कर दिया। जब कच्चे तेल की कीमत बढ़ेगी तो पेट्रोल और डीजल की कीमते भी बढ़ जाएँगी । कुछ वर्षो बाद 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री बने उन्होंने डीजल की कीमतों को भी कच्चे तेल दाम के अनुसार तय कर दिया। अब सरकार पेट्रोल का दाम तय नहीं करेगी बल्कि कच्चे तेल के दाम के अनुसार तेल के दाम तय होंगे। हर एक महीने में दो बार तेल की कीमते बदलती थी लेकिन 2017 से बीजेपी सरकार ने इसको बदला। अब हर दिन सुबह 6 बजे तेल की कीमतें कच्चे तेल की कीमतों के अनुसार बदली जाती हैं और हर दिन पेट्रोल और डीजल के दामों में उछाल और गिरावट देखी जाती है। 

सरकार किस तरह अपने हाथो में रखती है तेल के दाम 

हमारे देश में कच्चे तेल का लगभग 80 % भाग बाहर से ख़रीदा जाता है। सरकार अक्सर कहती है की तेल की कीमतों का बढ़ना या घटना कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर है। पर ये झूंठ है सरकार ही तेल की कीमतों को बढ़ाना या घटना अपने हाथ में रखती है। आपको ध्यान होगा 2020 जब सरे संसार में कच्चे तेल की कीमते 0 पर पहुंच गयी थी तब भी तेल हमारे देश में सस्ता नहीं हुआ। सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों को बनाये रखने के लिए टैक्स लगाती है। 

केंद्र सरकार और राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्स 

केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर Central Excise Duty टैक्स लगाया जाता है। इस टैक्स की धन राशि सीधे केंद्र सरकार को मिलती है इस टैक्स को बढ़ाना या घटना केंद्र सरकार के हाथ में होता है। अभी हाल में केंद्र सरकार ने Central Excise Duty को बढ़ाया है  पेट्रोल पर 13 रूपये /लीटर है और डीजल पर 16 रूपये लीटर बढ़ाया गया है। इसी प्रकार राज्य सरकार भी अपनी तरफ से  टैक्स लगाती जिसको हम VAT (Value Added Tax) के नाम से जानते हैं। VAT (Value Added Tax) की शुरुआत 2005 से हुई इस टैक्स के अनुसार जब कोई चीज खरीदते या बेचते हैं तब आपकी आय का कुछ प्रतिशत सरकार को देना पड़ता है। 

क्यों महंगा है डीजल और पेट्रोल ?

अक्टूबर माह में HPCL के अनुसार दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 100 से ऊपर और डीजल की कीमत 95 रूपये लीटर था। HCPL के अनुसार अगर सरकार टैक्स कम नहीं करती तो तेल और महंगा हो सकता है। ये सच है की कच्चे तेल की कीमते बढ़ी हुयी हैं और ये पहली बार नहीं हुआ। 2014 से पहले भी कच्चे तेल की कीमते बढ़ी थी लेकिन पेट्रोल 80 रूपये /लीटर और डीजल 55 रूपये लीटर था। 2014 से पहले तेल सस्ता इसलिए था क्न्योकि सरकार ने तेल पर लगने वाले टैक्स को कम किया था। अगर सरकार आज टैक्स कम करे तो तेल की कीमतें घट सकती हैं। 

किस तरह सस्ता हो सकता है पेट्रोल और डीजल 

हमारे केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह ने बताया की सरकार तेल पर 32 रूपये / लीटर टैक्स के रूप में लेती है। जब कच्चा तेल 20 रूपये /बैरल था तब भी टैक्स 32 रूपये / लीटर था और आज जब कच्चा तेल 80 रूपये / लीटर है तब भी टैक्स 32 रूपये / लीटर है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह ने बताया सरकार इस टैक्स की मदद से आम लोगो के लिए कई योजनाएं चला रही है जिनमे उज्ज्वला योजना ,फ्री रासन, प्रधानमंत्री आवास योजना,आयुष्मान भारत योजना के साथ अन्य कई योजनाएं शामिल हैं। इसके ठीक दूसरी तरफ तेल के दाम बढ़ने के कारण आम आदमी के लिए महगाई बढ़ती जा रही है। 

कुछ जानकार लोगो का कहना है की जब तक सरकार तेल पर GST लागू नहीं करती और साथ में टैक्स कम नहीं करती तब तक तेल की कीमतें कम नहीं हो सकती। हमारी सरकार ने तेल के साथ साथ शराब ,बिजली,पानी पर भी GST नहीं लगाया है। अब सरकार का समझना चाहिए की तेल के दाम बढ़ने की वजह से महंगाई भी बढ़ रही है। इस महगाई को कम करने और आम आदमी के जीवन को सरल बनाने के लिए पेट्रोल और डीजल के दाम कम करने होंगे। 

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