Naye Sansad Bhawan Ka Silanyaas Supreme Court Ne Nahi Di Anumati


10 दिशम्बर 2020 को होगा नए संसद भवन का शिलान्यास  हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी करेंगे नए संसद भवन का शिलान्यास। 

हमारी संसद भवन अपने 100 वर्ष पुरे करने जा रही है और केंद्र सरकार पुरानी संसद के पास ही एक नयी संसद बनाने जा रही है। साल 2019 के सितम्बर माह में ही  सेन्ट्रल विस्टा परियोजना के तहत त्रिकोण अकार के संसद भवन के निर्माण की बात केंद्र सरकार कह चुकी है । इसके साथ ही इसके खिलाफ आवाज उठी और सुप्रीम कोर्ट में नए संसद भवन के निर्माण के रोक के लिए याचिका दायर की गयी। याचिका कर्ताओ के अनुसार नए संसद भवन के निर्माण में कई बदलाव किये जा रहे हैं जो भौतिक और प्राकृतिक रूप से अनुचित है। Supreme Court  ने कहा है की जब तक कोई फैसला नहीं आता तब तक कोई निर्माण कार्य या तोड़फोड़ नहीं की जानी चाहिए। लेकिन शिलान्यास किया जा सकता है इसपर रोक नहीं ।

क्या सुप्रीमकोर्ट के आदेश आने तक रुकना नहीं चाहिए ? 

दुनिया में एसी कोई चीज नहीं बनी जिस पर तर्क या वितर्क ना किया जा सके तो ये तो होना ही था। लेकिन सच ये भी है की जब किसी भूमि पर निर्माण कार्य पर रोक है तो उस जगह शिलान्यास करने का क्या मतलब। जबकि ये आदेश सुप्रीमकोर्ट के हैं तो क्या Supreme Court  के आदेश आने तक रुकना नहीं चाहिए ? प्रमुख बात यह है की शिलान्यास क्यों किया जाता है किसी निर्माण के लिए ही शिलन्यास होता है तो इसकी इतनी जल्दी क्यों ? अब कुछ लोग इस प्रश्न उठाने पर ये भी कह सकते है की आप देश के विरोध में बात कर रहे हैं। लेकिन जो सच है वो तो है किस बात की जल्दी है।

शिलान्यास की जगह सिर्फ पूजन ही क्यों

कुछ लोग तो ये भी कह रहे हैं की शिलान्यास की जगह सिर्फ पूजन ही क्यों हो रहा है वंहा प्राथना सभा या अन्य धर्मो के अनुसार शिलान्याश क्यों नहो किया जा रहा  फिलहाल जो भी हो हमे पता होना चाइये की हमारे टैक्स का इस्तेमाल कंहा हो रहा है और किस लिए ? तो चलीये जानते हैं हमारे टैक्स से जो नया संसद भवन बनेगा वो कैसा होगा और 100  साल पुराना संसद भवन कैसा है 

Central Vista Project के तहत बनने वाले नए संसद भवन की विषतांए 

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नया संसद भवन पुराने संसद भवन के पास बनेगा और इसका आकर त्रिभुजाकार होगा। इसको सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत बनाया जायेगा। स्की लागत लगभग 975 करोड़ होगी इस बनने की डैड लाइन 2024 होगी। इसको को बनाने में करीब 11,000 लोगो की जरुरत सीधे या परोक्ष रूप से पड़ेगी। इसको आने वाले समय के हिसाब से बनाया गया है इसमें 1250 सांसद एक साथ बैठ सकेंगे।लोकसभा में 888 और राज्य सभा में 335 सीटें होंगी जो पहले से ज्यादा हैं नए संसद भवन को 64,500 वर्ग मीटर छेत्र में बनाया जायेगा इसका आकर प्राचीन संसद से बड़ा और भव्य होगा । 

                         इसको बनाने की की जिम्मेदारी टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को दी गयी हैइसका डिजाइन डिजाइन एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा तैयार किया गया है। संसद भवन का निर्माण 2022 तक हो जायेगा जबकि इसकी डेड लाइन 2024 दी गयी है।

प्राचीन संसद भवन का इतिहास 

प्राचीन संसद भवन को ब्रिटिश कार्यकाल में बनवाया गया था।इसके निर्माण में विशेष योगदान दो ब्रिटिश आर्किटेक्ट एडमिन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर का रहा इन दोनों ने ही इसका नक्सा बनाया था। इसके निर्माण में विदेशी कारीगरों का सहयोग लिया गया था। इसकी नीव 12 फरवरी 1921 को रखी गयी और 6 साल बाद यह बन कर तैयार हुआ इसका उद्घाटन और कार्य लॉर्ड इरविन ने 18 जनवरी 1927 को किया। उस समय इसके निर्माण में 85 करोड़ की लगी थी । इसका क्षेत्रफल 35,000 वर्ग मीटर है। इसका प्रमुख आकर्षण इसका गोल गुंम्बद है जिसका व्यास 555 फुट और इसकी परिधि 536 मीटर है। इसको बनाने के लिए विदेश से विशेष कारीगर बुलाये गए थे इसमें सफेद संगमरमर और लाल पत्थर का उपयोग हुआ है इसमें 12 मुख्य दरवाजे हैं वर्तमान में 6 लिफ्ट हैं। इसकी दीवारों पर प्राचीन आकृतियों को उकेरा गया है इसके परिषर में कुछ महान विभुतियों की प्रतिमाएँ लगी हैं इसकी भव्यता को देखने के लिए विदेशो से लोग आते हैं प्राचीन संसद भवन में सभी सुविधाएं हैं। 


प्राचीन संसद भवन की कुछ प्रमुख विशेष सुविधाएँ 

  • 3 लाख पुस्तकों की लाइब्रेरी 
  • कंप्यूटर केंद्र;
  • अध्ययन और प्रशिक्षण ब्यूरो;
  • दृश्य  ग्रन्थालय;
  • संसदीय संग्रहालय ;
  • 1,000 व्यक्तियों के लिए वेटिंग रूम 
  • भोज कक्ष:
  • विशाल पार्किंग स्थल 

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