Mystery of Mount Kailash – कैलाश पर्वत का रहस्य

कैलाश पर्वत (Mount Kailash) क्या है और क्यों विख्यात है ?

कैलाश पर्वत (Mount Kailash) जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है हिमालय पर्वतमाला में स्थित है। यह चीनी तिब्बत क्षेत्र में स्थित है और सर्वाधिक पवित्र पर्वत माना जाता है इसे उच्च शिखरों में से एक माना जाता है।

इसे शिव पर्वती का आवास माना जाता है कैलाश पर्वत (Mount Kailash) के चारों ओर नदी ब्रह्मपुत्र, सिंधु, गंगा, और कावेरी की उत्पत्ति होती है। इसे हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म के लोग मान्यता से पूजते हैं।

कैलाश पर्वत (Mount Kailash) पर प्रमुख धार्मिक और आध्यात्मिक यात्राएं आयोजित की जाती हैं। कैलाश पर्वत (Mount Kailash) पर जन्मी धार्मिक कथाएं तपस्या केंद्र और पर्यटन स्थलों का महत्वपूर्ण स्थान है।

कैलाश मानसरोवर यात्रा जो अपने पवित्रता और मनोहारी दृश्यों के लिए विख्यात है। इसका पर्यटन और धार्मिक महत्व दुनियाभर में जाना जाता है।

कैलाश पर्वत (Mount Kailash)पर है शिव का घर

कैलाश पर्वत (Mount Kailash) पर कई तपस्वी और योगी साधना करने जाते हैं। जो साधना में इतने लीन हो जाते की उन्हें सर्दी का अहसास नहीं होता। ये तपस्वी और योगी बताते हैं की कैलाश पर भगवान् शिव देवी पारवती के साथ रहते हैं और उन्होंने उनको दर्शन भी दिए हैं। साधना में जब साधक की आत्मा अन्यो आयामों का बोध करती है अब शिव के दर्शन होते हैं। एक सामान्य मनुष्य कभी भी उनको देख नहीं सकता पर अहसास कर सकता है।

कैलाश पर्वत (Mount Kailash) का रहस्य

कैलाश पर्वत (Mount Kailash) दुनिया का सबसे रहस्यमय पर्वत है। ना जाने इस पर्वत पर चढ़ाई करने की कोशिशे कितने लोगों ने की? कितने लोगों ने इसके रहस्य को सुलझाने की कोशिश की। ना जाने इस कोशिश में कितने विडियोज बनाए गए। 

कैलाश पर्वत (Mount Kailash) पर नया क्या होने वाला है? एक ऐसा राज़ आपके सामने खुलने वाला है। जो कैलाश माउंटेन से जुड़े आपके सारे सवालो को सुलझा देगी।और क्यों इस माउंटेन पर चढ़ाई नहीं की जा सकती है? इसका भी जवाब आपको मिल जाएगा। 

कैलाश पर्वत (Mount Kailash) से जुडी कुछ अचंभि करने वाली बातें

कैलाश पर्वत (Mount Kailash) की उचाई – कैलाश पर्वत (Mount Kailash) की उचाई 6,638 मीटर लगभग 21778 फुट है। जबकि सबसे ऊँचा सिखर माउन्ट एवरेस्ट है जिसकी उचाई 8,849 मीटर है जो कैलाश पर्वत से अधिक ऊँचा है। माउन्ट एवरेस्ट पर आज तक हजारो लोग चढ़ चुके हैं पर कैलाश पर्वत के शिखर पर आज तक कोई नहीं चढ़ पाया है। माना जाता है की तिब्बत के बौद्ध योगी मिलारेपा इस पर चढ़ चुके हैं पर कोई साक्ष्य नहीं मिला है।

दो विशिष्ट सरोवरों का उदगम – क्या आपको पता है की कैलाश पर्वत दुनिया का इकलौता ऐसा पर्वत है, जहाँ दो ख़ास तरह के सरोवरों का उदगम होता है जो एक दूसरे से बिलकुल ही अलग हैं। जिसमें से पहला सरोवर शुद्ध मीठे पानी का सबसे उचाई पर मौजूद सरोवर है जिसका नाम हैं कैलाश मानसरोवर। दूसरा सरोवर है राक्षस झील जो दुनिया का सबसे उचाई पर मौजूद खारे पानी का सरोवर है।

विशाल नदियों का उद्गम एक साथ होता है –कैलाश पर्वत दुनिया का इकलौता ऐसा पर्वत है जहाँ कई सारी विशाल नदियों का उद्गम एक साथ होता है। जो नदिया आगे जाकर कई अन्य नदियों में विभाजित हो जातीं हैं। ये नदियाँ भारत ही नहीं बल्कि चीन में भी बहती है। कैलाश पर्वत (Mount Kailash) की चारों दिशाओं से चार अलग अलग नदियों का उद्गम होता है जैसे कि ब्रह्मपुत्र, सिन्धु, सतलज और करनाली। यहीं नदियां आगे चलकर गंगा जैसी भारत की प्रमुख नदियों को जन्म देती है।

कैलाश पर ॐ और डमरू की ध्वनि – क्या आप जानते हैं पृथ्वी की सतह के नीचे मनुष्य 12 किलोमीटर तक जा सका है। उसके बाद पृथ्वी का तापमान इतना बढ़ जाता है जो मनुष्य को जला देने को छमता रखता है। इतनी गहराई पर गर्मी के साथ साथ भयानक आवाजे आने लगती हैं जिनको नरक की आवाज माना जाता है। वंही इसके विपरीत हम अंतरिक्ष में लाखो किलोमीटर की दूरियों तक पहुंच चुके हैं। कैलाश पर्वत (Mount Kailash) की बात करें तो वहां पहुंचने पर चारो और ॐ और डमरू की ध्वनि सुनाई देती है। 

कैलाश पर्वत (Mount Kailash) में कई धर्मो की है आस्था – कैलाश पर्वत (Mount Kailash) तीन धर्मों के लिए खास महत्त्व रखता है। हिंदू, बौद्ध और जैन और इन तीनों धर्मों की कई कहानियाँ भी इस पर्वत के साथ जुड़ी है। बल्कि सिर्फ कहानियाँ ही नहीं कई निशानियां भी जुड़ी हैं। इसी में से एक निशानी है ये ओम की निशानी जैसे की मैंने आपको बताया कि कई लोगों के दावे के अनुसार या ओम की आवाज़ सुनाई देती है लेकिन यहाँ ओम सिर्फ सुनाई नहीं देता बल्कि दिखाई भी देता है। गूगल मैप का इस्तेमाल करके हम इस निशान को जरूर देख सकते हैं।

कैलाश पर्वत (Mount Kailash) पर कई विचित्र लोगों के देखने के दावे – 

कैलाश पर्वत (Mount Kailash), हिंदू, बौद्ध और जैन इन तीनों धर्मों के अनुसार उनके भगवानों का घर है। भगवान मतलब कौन? वो जिन्होंने हमारी पृथ्वी की और इस सृष्टि की रचना की थी या वो शक्तियां जो हमारी पृथ्वी की नहीं हैं। माउंट कैलाश के पास जो मानसरोवर झील मौजूद हैं, वहाँ कई लोगों ने देखने के दावे किये जाते हैं। कहा जाता है की मानसरोवर झील में सुबह देवता स्नान करने आते हैं।

अद्भुत शक्ति का अहसास – कैलाश पर्वत (Mount Kailash) पर जाने वाले कई लोगों का ये मानना हैं की यहाँ उन्हें अद्भुत शक्ति का अहसास होता है। यहाँ तक कि कैलाश पर्वत कोई प्राकृतिक पर्वत ना होकर एक पिरामिड है। मानसरोवर झील और और कैलाश पर्वत पर कई रंगो की रोशनियों को देखा जाता है। जिसका जवाब विज्ञान नहीं दे पाया है। यहाँ के अद्भुत शक्तियों के स्रोतों को बताने में विज्ञान हार मान चूका है। कैलाश पर्वत के सामने विज्ञानं और वैज्ञानिक दोनों ही हार मान चुके हैं। कोई भी इस पर चढ़ने की कोशिस नहीं करता। 

कैलाश पर्वत (Mount Kailash) चढ़ने की कोशिश नाकाम – कैलाश पर्वत (Mount Kailash) चढ़ने की कोशिस बहुत से लोगो ने की पर कोई सफल नहीं हो पाया। चीन की सरकार ने कैलाश पर्वत के रहस्यों को जाने की बहुत कोशिशे की कई यान भी भेजे पर आज तक कुछ नहीं मिला। इस के रहस्यों को जानने वालो की या तो मृत्यु हो गयी या वे लापता हो गए। चीन सरकार ने इस पर चढ़ने की रोक लगा दी है। 

समय तेजी से गुरता है –

कैलाश पर्वत (Mount Kailash) पर वैज्ञानिको का समूह चढ़ा कुछ ऊपर जाने के बाद उनको वापस लौटना पड़ा। जब ये वैज्ञानिक वापस आये तो इनके नाखून, बाल और आयु बढ़ गयी थी। उन्होंने अपने अनुभव बताये जो आश्चर्य चकित करने वाले थे। उन्होंने बताया की ऊपर जाने पर मौसम अचानक बदल गया जो इनसो की सहन छमता के अनुकूल नहीं था। सारे उपकरणों ने काम करना बंद कर दिया। उन्हें अपनी उम्र तेजी से बढ़ती महसूस हुयी।

ब्रह्माण्ड का केंद्र है कैलाश पर्वत – अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा और कई अन्य एजेंसी ने बताया की कैलाश पर्वत पर सभी दिशाएं मिलती हैं। कैलाश पर्वत पर दिशा भ्रम होता है जिसकी वजह से इस पर्वत के ऊपर से कोई यान नहीं गुजरता। कई मान्यता अनुसार यह सारे ब्रह्माण्ड का केंद्र है और यहाँ कई आयामों का अहसास होता है। मनुष्य या हम सिर्फ तीन आयामी वस्तुओ को देख सकते हैं यही वजह है की कैलाश (Mount Kailash) पर अन्य आयामों की अनुभूति होती है।

                                    एक सामान्य मनुष्य कैलाश (Mount Kailash) के रहस्यो को कभी नहीं समझ पायेगा। वैज्ञानिक जिन्हे Extra territorial कहते हैं वे ही देवी या देवता हैं वे सभी आयामों में आ जा सकते हैं। एक सामान्य मनुष्य किसी भी खोज को सिर्फ तीन आयामों में ही कर सकता है और कैलाश पर्वत के रहस्य अन्य आयामों में छिपे हैं। 

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