Hathras Ki Beti Ke Blaatkar Par Rajniti

हाथरस की बेटी Hathras Ki Beti Ke Blaatkar Par Rajniti पर राज नीति : Hathras Ki Beti Ke Blaatkar Par Rajniti 

नमस्कार  मित्रों मैं सबसे पहले यह बताना चाहता हूं मैं किसी पार्टी का पक्ष या विरोध नहीं करता हूं। लेकिन हाथरस में बलातकार के नाम पर जो हुआ इसकी जिम्मेदारी जिन पर थी उन लोगो को खुद किसी पार्टी या समाज का मुखिया बनने की क्या जररूरत है।

Hathras Ki Beti

अगर ये बेफकूफ लोग सही और गलत में अंतर ठीक से समझे तो कभी कोई परेशान न हो। हाथरस (Hathras) में लड़की (Hathras Ki Beti) के ऊपर जो हुआ वो शर्मशार करने वाला है। किसी भी लड़की के साथ अगर बलातकार हुआ है तो अपराधियों को तुरंत  ही सजा होनी चाहिऐ। पर बलात्कार पर राजनीति नहीं होनी चहिये। 

Hathras Ki Beti”जस्टिस फॉर हाथरस” नाम की बेबसाइट से हुई हाथरस में दंगे की साजिश 

हाथरस (Hathras) में बलात्कार के इंसाफ की लड़ाई के बहाने दंगा भड़काने की  साजिश थी ? क्या हाथरस (Hathras) में जातिवाद पर दंगे करना चाहते थे राजनितिक दल ? यूपी सरकार ने बड़ा दावा किया है सरकार ने कहा हाथरस में लड़की को इंसाफ दिलाने के नाम पर कुछ लोगों ने बड़ी साजिश की थी।

इस दावे के पीछे जस्टिस फॉर हाथरस” नाम की बेबसाइट है।इस बेवसाइट के जरिये यूपी में जातीय दंगे कराकर बीजेपी को बदनाम करना था। इसके पीछे कुछ एजेंसी का हाथ बतया जा रहा है जो समाज में इसी तरह लोगो को बहकाने का काम करते हैं। इनको बाहर से फंडिंग भी होती है जिससे ये अपने बुरे मनसूबो को अंजाम दे सके। 

लड़की की माँ और घर वाले ब्यान क्यों बदल रहे हैं अपने ब्यान ?

लड़की (Hathras Ki Beti) की माँ कहती है की वो खुद उस जगह मौजूद थी और उसने सिर्फ एक लड़के संदीप को देखा उसके बाद कहती है की चार लड़के थे। एसा क्यों ? सबके ब्यान समय समय पर बदल रहे हैं। ये लोग सीबीआई जाँच को मना कर रहे हैं जबकि सीबीआई से जाँच कराने के लिए लोग खुद कहते हैं।

इनका कहना है की सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में जाँच हो। SIT की टीम जाँच कर चुकी है सीट की टीम जब जाँच करने लड़की (Hathras Ki Beti) के घर गयी तो पिता की तबियत ख़राब होने के कारण वापस लोट गयी।

और प्रताड़ित किया उसको हटाने की मांग भी की गए रही है। इन शिकायतो की वजह से शुक्रवार देर शाम सरकार ने हाथरस (Hathras) मामले ठीक से काम न करने वाले कई अधिकारी को निलंबित किया गया है। इनके अलावा चंदपा के में कुछ अन्य पुलिस वालो पर भी कठोर कार्यवाही की गयी है। साथ ही  डीएम प्रवीण कुमार पर कार्रवाई की जाएगी ऐसी सुचना मिली है। 

(Hathras Ki Beti) के घर वालो की मन गढंत कहानी

14 अगस्त आपको पता होगा की एक और बेटी निर्भया बानी हाथरस के चंदपा गांव की १९ साल की बेटी के साथ गैंग रेप किया गया। यह घटना तब हुई जब वह बेटी और मां घास लेने के लिए खेत में गए मां और बेटी घास काटते काटते एक दूसरे से काफी दूर हो गए थे।

तभी गांव का एक संदीप नामक युवक वहां पर आकर अपने चार मित्रों के साथ उस लड़की को एक खेत में खींच लेते हैं और उसके साथ बलात्कार किया जाता है। और इंसानियत की सारी हदें तोड़ दी जाती है। उसकी कमर की हड्डी गर्दन की हड्डी यहां तक कि उसकी जीभ ही काट दी जाती है। और यह सब करने के बाद यह चारों वहां से भाग जाते हैं।

माँ को लगता है कि उसकी बेटी (Hathras Ki Beti) की कोई आवाज नहीं आ रही है और वह अपनी बेटी को जब देखने जाती है। पर उसकी बेटी जहां घास काट रही होती है वहां पर नहीं होती मां उसको आवाज देकर पुकारती है। लेकिन कोई आवाज नहीं आती लेकिन पास के ही खेत में से करहाने की आवाजें आ रही होती है।

उसकी मां उस आवाज के सहारे उस खेत में जाकर देखती हैं। तो एक ऐसा दृश्य सामने आता है जिसको बयां करना भी शर्मनाक लगता है। उस माँ की बेटी (Hathras Ki Beti) ना ही कुछ बोल पा रही थी और ना ही खड़ी हो पा रही थी। उसको इस स्थिति में देखकर उसकी माँ निढाल हो गई और जब घर वालों ने इसका पता लगा तो बेटी को घर ले जाया गया। 

निकट के थाने में FIR दर्ज कराने की कोशिश की गई तो उत्तर प्रदेश की पुलिस को 8 दिन लग गये FIR लिखने में। कोइ आरोपी भी नहीं पकड़ पायी उत्तर प्रदेश की  पुलिस और लड़की की हालत बिगड़ती देख उस बेटी को पहले अलीगढ़ के हॉस्पिटल में भर्ती किया गया।

जब अलीगढ़ अस्पताल में हालत बिगड़ने लगी तो उसको दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में एडमिट किया गया और उसकी मृत्यु 29 सितंबर को हो गई। इस के बाद परिवार वाले उस बेटी के शव को लेकर धरना देने बैठ गए वहां पर पुलिस वालों ने उस बेटी का शव घरवालों से लेकर उनका धरना खत्म करवाया।

जब से पुलिस वालों ने उसे उनकी बेटी (Hathras Ki Beti) की बॉडी अपनी कस्टडी में ली उसके बाद उनके किसी भी घर वाले ने उस बेटी का चेहरा  नहीं देखा। रात के 12:45 पर उस हाथरस की बेटी का शव उसके गांव पहुंचता है।

उत्तरप्रदेश की पुलिस गलती या मजबूरी 

उत्तरप्रदेश की पुलिस को ना ही संविधान और ना ही किसी कानून की परवाह थी। जो रात में 2:45 पर एक बच्ची को उसके परिवार की कोइ बात ना मानते हुए उनको उनकी उनकी शक्ल दिखाए बिना उनकी बेटी को पेट्रोल डाल कर उत्तरप्रदेश की पुलिस के हाथों जला दिया जाता है।जबकि परिवार वाले कहते रहते हैं।
 
कि हमें अपनी परिवार वालो ने पुलिस वालो से बेटी का मुँह दिखने के लिए कहा पर पुलिस ने उनकी बेटी का मुँह परिवार वालो को नहीं दिखाया। उन्होंने कई बार मन्नते की पर कोई असर उन पर नहीं हुआ न ही वो बेटी का अंतिम संस्कार अपनी प्रथा अनुसार कर पाए। परिवार वालो ने पुलिस वालो को मनमानी करने से रोकने के कई प्रयास किये पर पुलिस वालो ने उनकी कोई बात नहीं मानी। 
 
उत्तरप्रदेश में गुंडाराज की बात होती है लेकिन यह गुंडाराज की पराकाष्ठा है। किसी गुंडे को भी मरने के बाद उसके घर वालों को उसकी लाश को सौंप दिया जाता है। लेकिन एक 19 साल की हाथरस की बेटी के शव को उसके परिवार को सौंपना तो दूर उसकी शक्ल भी नहीं देखने दी।  
 

हमारी मिडिया जो समाज के दंगो से बढ़ा रही TRP

हमारी मिडिया भी TRP  के चक्कर में गलत अफवाह फैलाते हैं। उनको समाज की चिंता नहीं TRP की चिंता होती है इसलिए सच सामने आने में देर हो जाती है। और समाज में सही या गलत का पता नहीं चल पता उत्तेर प्रदेश की पुलिस को जब लगा की कुछ राजनितिक पार्टियां इस पर राजनितिक जूते चमकाने वाले हैं।  और समाज का माहोल और वंहा की जनता को भड़काने वाले हैं।
 
इस कारण पुलिस के द्वारा जो किया गया वो तनाव काम करने के लिए किया गया।  दो दिनों तक उस गांव में किसी को नहीं जाने दिया गया लेकिन कुछ राजनितिक कीड़ो ने इसका विरोध किया और सरकार ने गांव में जाने की अनुमति दे दी।  जब ये लड़की अस्पताल में थी कोई नेता देखने नहीं गया और जब लड़की मर गयी तो इनको उसके घर जाना बहुत जरुरी हो गया।  
 

गन्दी और भद्दी राजनीति की शुरुआत 

4 अक्टूबर को नेताओ की बाढ़ आ गयी लड़की के घर जाने घर जाने के लिए। लड़की के परिवार वालो से अलग अलग नेताओ ने बंद कमरे में बात की। किसी को नहीं पता बंद कमरे में क्या हुआ ये खबरे भी मिल रही हैं की राजनितिक पार्टियां पैसो का लालच दे कर इस मुद्दे को बढ़ाने की बात कर रही हैं।
 
लड़की के इलाज के लिए इनके पास पैसा नहीं था। वाह रे हमारे देश की राजनीति। सपा, कांग्रेस और ना जाने कितनी पार्टियां लड़की के घर पर पहुंची गांव में धरा 144 और कोरोना महामारी के होते हर पार्टी अपने सैकड़ो समर्थक ले कर पहुंची।
 
किसी के मुँह पर मास्क था पर आधे से ज्यादा लोग बिना मास्क लगाए थे। एक आम आदमी जब मास्क नहीं लगाता तो उसका चालान किया जाता है इन नेताओ के चालान क्यों नहीं कटे गए। सपा के समर्थक तो नारेबाजी और धक्का मुक्की करने लगे तो पुलिस को लाठी चार्जे करना पड़ा।
                                                 
हाथरस जैसे कांड हमारे समाज में गन्दी मानसिकता वाले लोग जब तक हैं ऐसी घटनाये रोक पाना मुश्किल है। नेता अपनी राजनीति तब करते हैं जब किसी माँ या किसी बेटी का बलात्कार हो जाता है ।
 
इससे पहले अगर नेता लोग इस बात पर ड़याँ दे तो एसा ना हो लेकिन जब तक कुर्सी का लालच ख़तम नहीं होगा ये ऐसे ही राजनीति करेंग। अब आम जनता को ही इसके बारे में सोचना होग। 

4 thoughts on “Hathras Ki Beti Ke Blaatkar Par Rajniti”

  1. बहुत ही अच्छे से लिखा हे आपने हम आपके तथ्यों से सहमत हैं

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  2. बहुत ही अच्छे से लिखा हे आपने हम आपके तथ्यों से सहमत हैं '

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