GDP full form-Current GDP of India on August Month

GDP full form,What is GDP?, GDP of India हम पर और हमारी जेब पर  GDP असर डालती है 

Current_GDP_of_India
हम जब भी जीडीपी का नाम सुनते है तो बहुत से लोगो के मन में सवाल उठता है What is GDP? तो चलिए आज हम GDP के साथ साथ GDP of India के बारे में भी जानेंगे.  

GDP full form क्या है?

GDP full form Gross domestic product है सकल घरेलू उत्पाद इसको जानना हर देश वासी को जानना बहुत जरुरी है। सकल घरेलू उत्पाद मतलब किसी देश में एक साल के भीतर बनाये गए उत्पाद व् सेवाएं. मतलब उत्पादन की कुल कीमत अगर उतपाद अच्छा होगा तो GDP बढ़ेगी और अगर उत्पाद घटेगा तो Indian GDP घटेगी.

GDP की शुरुआत कब हुई ?

 दूसरे विश्व युद्द से पहले पूरा विश्व आर्थिक तंगी से परेशान था तब विद्वान अर्थशास्त्रियों को इसकी जरुरत महसूस हुयी 1937 में अमेरिकी अर्थशास्त्री साइमन ने संसद में रिपोर्ट पेस की इसमें उन्होंने हर व्यक्ति, कम्पनी और सरकार जो भी और जिसने भी अर्थयवस्था में योगदान किया उसको शामिल किया। और इस प्रकार GDP System  की शुरुआत हुयी । 
भारत में 1950 में GDP की सरुआत हुय। भारत में 1950 से भारत की अर्थव्यवस्ता GDP से नपी जाती हैये किसी भी देश के लिए उसकी साल भर में हुयी कमाई को ज्ञात करने का एक आसान तरीका है धीरे धीरे दुनिया के लगभग सभी देशो ने इसको अपना लिया। ये एक सीधा साधरण तरीका है जिसे पूरे देश की आर्थिक स्तथि को मापा जाता है और जिस देश की GDP अछि होगी उस देश की आर्थिक स्तिथि मजबूत होगी।  

GDP of India  सकल घरेलू उत्पाद के आधार पर देश की आर्थिक स्थिति।

हमारे देश की जीडीपी के अनुसार हम विश्व के सभी देशो की कतार में कँहा खड़े हैं जहां तक हमारे देश भारत की जीडीपी और उसके विकास दर का सवाल है तो कोरोना वैश्विक महामारी से पहले हमारा देश दुनिया में तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था थे। कोरोना से पहले हमारे देश की जीडीपी लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर (140 लाख करोड़) के करीब थी। जो की दुनिया भर के देशो की कुल जीडीपी की 2% ही थी। भारत की सकल घरेलु आय अर्थात जीडीपी पर Lock down के प्रारंभिक तीन महीनो में बहुत बुरा असर पडा।   उद्योग धंदे बंद कर दिए गए फैक्टरियां चली नहीं रेल,मेट्रो,रोडवेज सब बंद थे आदमी मजबूर था और इन तीन महीनो में किसी भी चीज का उत्पादन नहीं हुआ सिर्फ खपत ही हुयी हमारे देश भारत में सबसे ज्यादा पैसा सरकार को देने वाली रेल और और सराब भी बंद रहे और भारत में ये पहली बार हुआ की रेल का 24 घंटे चलने वाला चक्का जाम हुआ था। इस वजह से जीडीपी पर असर पड़ना जरुरी था लेकिन जितना सोचा गया था उससे कंही ज्यादा असर पड़ा अब हमारे देश की जीडीपी शून्य से भी निचे जा पंहुची है वार्ता मान में भारत की  जीडीपी -23.0 है. इसकी सुचना भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन जी दे चुके थ।  रघुराम राजन जी ने इसका अंदेशा दिया था की यदि देश में लॉक डाउन लगाया गया तो हमारे देश की आर्थिक इस्तिथि बहुत खराब हो सकती है। 

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जीडीपी गिरने से समाज पर पड़ने वाले प्रभाव,GDP of India 

2007 से 2009 में भी पूरा विश्व आर्थिक तंगी से गुजरा था ये 1930 के बाद ये  पहली बार आयी बड़ी आर्धिक तंगी थ। और अब कोरोना की वजह से ये इस्तिथि दुबारा आ सकती है इसका असर सीधे हमारे खर्चे से जुड़ा होता और हमको महसूस होता आम आदमी की समझ में महगाई ही आर्थिक तंगी है और ये सच भी है अगर कोई देश तीन महीनो के लिए बिलकुल रोक दिया जाए कोई आर्थिक गतिविधि ना हो तो एक तो प्रोडक्शन रुक जायेगा और लोग अपना इकठ्ठा सेविंग को खर्च करने पर मजबूर हो जाते हैं यही एक बहुत बड़ी पहचान है की देश की GDP गिर रही है करोडो लोगो की नौकरियाँ गयी जिनमे से 30% लोग को दुबारा नौकरी मिल पायी है।  एसा हमरे देश में पहली बार हुआ है अभी इसके परिणाम आना बाकि हैं।  

कुछ अर्थशास्त्री मानते हैं इस इस्तिथि में लोग पैसा काम खर्च करते है वाहनों की की बिक्री तेजी से घट जाती है है लोगो की नौकरियां जाने लगती हैं नयी नौकरियां मिलती नहीं  मतलब साफ़ है लोगो की सेविंग से खर्च होता है सेविंग नहीं हो पाती मिलता कम है इसलिए खर्च कम किया जाता है 

मुख्य रूप से कुछ विशेष छेत्रो पर बुरा प्रभाव 

Indian GDP का गिरना तो आसान होता है पर GDP को ऊपर लाने के लिए एक विशेष रणनीति की सरकार को जरुरत होग। मंडी की वजह सर कुछ मुख्य छेत्रो में बुरे प्रभाव पड़ेंगे जैसे 

1- कंजम्प्शन में गिरावट:-

 GDP गिरने से लोग अपने खर्चे में ना कहते हुए भी रोक लगाएंगे अपना पैसा बचाने की कोशिस करेंगे अब कुछ लोग इसका यमतलब निकालेंगे की खर्चा कम करना तो अच्छी बात है तो आपको जानकारी के लिए बतादूँ जब आपकी इनकम में कमी आएगी तन्खा नहीं बढ़ेगी तो लोग मजबूरी वस् ये करने के लिए बाध्य होंग। 

2- औद्योगिक उत्पादन में गिरावट:-

जब लोग ज्यादा से ज्यादा पैसा बचाने की कोसिस करेंगे तो कुछ चीजों पर रोक लगाएंगे इससे तो उनका उत्पादन कम होजो यानि प्रोडक्शन मजबूरी वस् कम करना पड़ेग।  इसका सीधा असर औद्योगिक इकाइयों पर पड़ेगा माल कम बनाया जायेगा जिससे वो अपना प्रॉफिट ठीक तरह से नहीं ले पाएंगे तब चीजों के दाम बढ़ेंगे और वस्तुए महंगी होंगी। 

3- बेरोजगारी बढ़ जाती है:-

जब आर्थिक इस्तिथि GDP की वजह से ख़राब होती है तो किसी भी चीज के प्रोडक्शन पर असर पड़ता है इनके सामान की मांग कम होगी और प्रोडक्शन कम करना पड़ेगा इसलिए कई लोगो की नौकरियां जाएँगी बेरोजगारी बढ़ेग।  

4- बचत और निवेश में कमी:-

लोग चाह कर भी बचत नहीं कर पाएंगे लोन भी कम लिए जायेंग।  मंदी में निवेश कम हो जाता लोग कम कमाते हैं सेविंग में कमी आती है और इस वजह से अर्थव्यवस्था में धन का प्रवहा बहुत कम हो जाता है।  

5- कर्ज की मांग घट जाती है:-

कर्ज आदमी तब लेता है जब उसको पता हो की वो इस कर्ज को कँहा से चुकाएगा कमाई कम होगी तो कर्ज चूकाने में दिक्कत आ सकती है इसलिए कर्ज की मांग घट जाती है।  

6- शेयर बाजार में गिरावट:-

शेयर बाजार भी प्रभावित होता है शेयर बाजार में उन्ही कम्पनी के शेयर बढ़ते हैं जिनका मुनाफाज्यादा होता है अधिकांश कम्पनी को मुनाफा घटता है और शेयर की वैल्यू कम हो जाती है।
ये सब होने के बाद कृषि छेत्र में किसान भाइयो की वजह से GDP +3.1 रही ये सुकून देने वाली बात है 

Indian GDP की वर्तमान इस्तिथी ठीक नहीं GDP गिरने के सभी कारण एक दूसरे से सम्बन्ध रखते हैं इस वजह से लोगो के बीच आर्थिक मंदी का डर बढ़ता जा रहा है सरकार भी आर्थिक मंदी को रोकने के लिए पूरा प्रयास कर रही है Indian GDP जितनी जल्दी ठीक होगी उतनी ही हमारे लिए लाभकारी होगा।    
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