ARE YOU KNOW THE POWER OF YOUR SUBCONSCIOUS MIND

Conscious Mind & Sub Conscious Mind

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कभी आपने ये सोचा है ? की आप किसी ऐसी जगह जा रहे हो जंहा आप रोज आते या जाते हैं और साथ ही अपने मित्र से बात फ़ोन पे जरूरी बात भी कर रहे होते हैं तो आप का सारा ध्यान बात करने में लगा होता है पर आप वह रास्ता नहीं भूलते है आपके कदम अपने आप आगे और सही मार्ग तय करते हैं। ये कैसे होता है इसका जवाब आप नहीं जानते तो आपको इस प्रश्न का जवाब इस पोस्ट में मिलेगा। 

पृथ्वी पर सभी जीवो में मनुष्य ही एक एसा जीव है जो अन्य सभी जीवो से बुद्धिमान है। मनुष्य अपने शरीर के लगभग सभी अंगो का इस्तेमाल कुशलता से करता है। बाकि सभी जीव एसा नहीं कर सकते एसा इसलिए है क्योंकि इन जीवो के पास मनुष्यों जैसा विकसित मस्तिष्क नहीं। मनुष्य का मस्तिष्क एक बहुत बड़ा रहस्य है जिसके बारे में खुद मनुष्य को भी नहीं पता की हमारा दिमाग क्या क्या कर सकता है। 

आज की इस पोस्ट में जानेगे मनुष्य के सबसे महत्वपूर्ण अंग दिमाग की शक्तियों के बारे में। जो व्यक्ति मस्तिष्क के इन रहस्यों को जान लेते हैं वे उन सभी चीजों को पा लेते हैं जिसकी वो कल्पना करते हैं। इस दुनिया में जितने भी सफल लोग लोग हैं उन सभी ने मस्तिष्क की छुपी हुयी शक्तिओ को जाना। मनुष्य के दिमाग के मुख्यता दो भाग भाग होते हैं सचेत मन (Conscious Mind) और अचेतन मन (Sub Conscious Mind)

सचेत मन (Conscious Mind) – 

हम दिन भर जो भी कार्य करते हैं जैसे पढ़ना लिखना , किसी बात का विचार करना, हसना,रोना, लड़ना, खाना, पीना, किसी समस्या को हल करना और दिनचर्या  की सारी गतिविधि हमारे सचेत मन (Conscious Mind) के द्वारा किये जाते हैं। सचेत मन (Conscious Mind) हमारे पूरे मस्तिष्क का लगभग 10 % भाग है। जब हम से कोई प्रश्न किया जाता है तब उस प्रश्न को समझना और उसका जवाब देना सचेत मन (Conscious Mind) का कार्य है। जैसे 8 – 2 = 6 होता है इस छोटे से सवाल का हल सचेत मन के द्वारा दिया जाता है। सचेत मन द्वारा हमारे आंतरिक एवं बाहरी वातावरण में परिवर्तन और हमारी संवेदनाये,भाषा,और चित्रों को देख और समझ पाते हैं। सचेत मन द्वारा की गयी गतिविधियों को हम आसानी से भूल सकते हैं  ये ज्यादा दिनों तक हमारे सचेत मन  (Conscious Mind) में नहीं रहती। 

अवचेतन मन (Sub Conscious Mind) – 

हमारे मस्तिष्क का वह हिस्सा जिसको हम में से बहुत ही काम लोग जानते हैं हमारे मस्तिष्क का 90 % भाग अचेतन मन  (Sub Conscious Mind) कहलाता है। यह हमारे दिमाग वह हिस्सा है जंहा हमारी वर्षो पुरानी यादें या कहे क्रिया कलाप सुरक्षित रहते हैं। अवचेतन मन में मनुष्य की आदते उसके संस्कार उसके अनुभव साथ मनुष्य जो भी सीखता है सुरक्षित रहती हैं। जिनको आप जरुरत पड़ने पर इस्तेमाल करते है पर आपको इसका अहसास नहीं होता। साधारण मनुष्य को अपने अवचेतन मन (Sub Conscious Mind)  का ज्ञान नहीं होता। मनुष्य का अवचेतन मन (Sub Conscious Mind) हमारे आंतरिक क्रियाओ को सुचारु रूप से निरंतर चलता रहता है। दिल का धड़कना,स्वांस लेना,हमारे पाचन के साथ अन्य कई क्रियाएं हैं जो हमारा अवचेतन मन करता है। हमारे शरीर में होने वाली आंतरिक घटनाये हमें महसूस नहीं होती क्योकि हम इनको निर्देश नहीं देते। क्न्योकि अचेतन मन द्वारा किये जा रहे कार्य का अहसास चेतन मन को नहीं होता।  जब जब आंतरिक अंगो में हमें कोई दर्द महसूस होता है तब अचेतन मन इस कार्य को चेतन मन को दे देता है और हमें दर्द का अहसास होता है। 

अवचेतन मन (Sub Conscious Mind) सक्रिय तौर पर कार्य कब करता है ?

जब हम सोते हैं तब सचेत मन शरीर की सारी क्रियाओं का कार्य अचेतन मन को सौंप देता है। की जब हम सोते हैं तो हमें अपने आस पास हो रही गतिविधियों का ज्ञान नहीं रहता। जब हम सोने वाले होते हैं उस से कुछ समय पहले हमारा अचेतन मन प्रबल होने लगता है। सो जाने पर पूरी तरह से हमारे ऊपर अचेतन मन का प्रभाव होता है। हम सपने भी अचेतन मन की वजह से देखते हैं। 

अवचेतन मन  (Sub Conscious Mind) का  हमारे सुख, दुःख और सोच पर प्रभाव 

हम किस तरह अपना जीवन जीते हैं इसका सीधा सम्बन्ध हमारे अचेतन मन से है। जब हम सोते समय दुखी होते हैं या हम किसी चिंता में होते हैं तो सुबह जागने पर हमारा अचेतन मन ये सारी जानकारी जागने पर चेतन मन को दे देता है। और सुबह जागने पर हमारे दिमाग में वही बाते आती हैं जो हम सोते समय सोंच रहे थे। अगर आपको खुश रह कर जीवन जीना है तो सोने से पहले अच्छा सोंच कर सोये। यदि मनुष्य को कोई परेशानी है तो हमेसा उस परेशानी को ना सोंचे। हर सुख दुःख का हल केवल सोचने से नहीं होता आप जितना सोचेंगे आपको उसके उतने ही अधिक परिणाम देखने को मिलेंगे। हमें परेशानियां आती हैं पर उनके बारे में हमेसा सोचना ठीक नहीं। अगर आप अपनी सोच अच्छी रखेंगे तो आपके साथ अच्छा ही होगा।   

इंसान की गरीबी और अमीरी का सम्बन्ध भी हमारे दिमाग में ही है। 

 
कुछ रिसर्चो में पता चला है की आदमी अपनी सोंच के कारण ही इस संसार में अपना एक विशेष स्थान पता है। गरीब या अमीर इंसान किस्मत से नहीं होता इंसान की सोच उसे गरीब या अमीर बनती है। जिसमे हमारा चेतन और अचेतन दोनों मन का विशेष स्थान होता है। हमें जो संस्कार बचपन में मिलते वह हमारे अचेतन मन में रहते हैं और हम उसी प्रकार अपने निर्णय लेते हैं। यदि हमें कुछ पाना है तो हमारी सोच उसको पाने की होनी चाहिए। जो लोग ये सोचते हैं की यह हमारे लिए नहीं या ये हमको नहीं मिल सकती उनको वह कभी प्राप्त नहीं होगी। आपको जीवन में जो भी चाहिए उसको पाने का विश्वास बनाइये उसके पाने की इच्छा रखिये। आप पाएंगे की वह चीज किसी भी तरह आपको मिलेगी जरूर आपने ऐसा महसूस भी किया होगा की ऐसा आपके साथ हुआ होगा। जिस चीज की इच्छा आप रखते हैं उसको आप एकांत या मैडिटेशन के द्वारा भी सोच सकते हैं सोने से पहले भी अपना निर्णय द्रढ़ रखिये कोई नकारात्मक भाव ना लाये। आपकी इच्छा पूरी होने में कितना समय लगेगा यह आपके ऊपर निर्भर रहेगा आप उसको कितनी अहमियत देते है कितना चाहते हैं अपनी इच्छा पूरी करना। आप देखेंगे  यदि आपकी की सोच के हिसाब से प्रकृति भी आपको साथ देगी। इस क्रिया के लिए आपको अपने अवचेतन मन  (Sub Conscious Mind) को समझना होगा। 

कुछ घटनाओ के संकेत भी देता है हमारा अवचेतन मन (Sub Conscious Mind)

अगर आप ध्यान से सोचे तो आपको महसूस होगा की किसी अच्छी या बुरी घटना का संकेत हमें हमारा अचेतन मन देता है पर सभी उसको समझ नहीं पाते या नजरअंदाज कर देते हैं। जब आप अपने अवचेतन मन को महसूस करना सीख लेंगे तो आपके साथ घटने वाली घटनाओ का पूर्व अनुमान आप को मासूस होना सुरु हो जाएगा। इस अनुमान से आप आप क्या कर सकते हैं ये आपको अच्छी तरह पता चल ही गया होगा। 
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